हैट्रिक : कोर्बेवैक्स-कोवोवैक्स और एंटी-वायरल ड्रग मोलनुपिराविर के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली 

 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है, कॉर्बेवैक्स भारत में बनी पहली ‘आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन’ है।

इसे हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल-ई ने बनाया है।उन्होंने खुशी जताते हुए कहा,

‘यह हैट्रिक है! अब यह भारत में विकसित हुई तीसरी वैक्सीन बन गई है।’ नैनोपार्टिकल वैक्सीन

कोवोवैक्स का निर्माण पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया जाएगा।

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ


नयी दिल्ली। देश में कोरोना वायरस को पूरी तरह हराने के लिए सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स और कॉर्बेवैक्स और एंटी-वायरल दवा मोलनुपिरावीर को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। इस बात की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर मनसुख मंडाविया ने दी है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है, कॉर्बेवैक्स भारत में बनी पहली ‘आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन’ है. इसे हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल-ई ने बनाया है।उन्होंने खुशी जताते हुए कहा, ‘यह हैट्रिक है! अब यह भारत में विकसित हुई तीसरी वैक्सीन बन गई है।’ नैनोपार्टिकल वैक्सीन कोवोवैक्स का निर्माण पुणे स्थित कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया जाएगा।

बच्चों का भी लगेगी कोविड वैक्सीन
सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को तेज करते हुए बच्चों के टीकाकरण का ऐलान भी कर दिया है। इसकी शुरुआत जनवरी से हो रही है। वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से बचाव के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों को तीसरी वैक्सीन के तौर पर प्रीकॉशन डोज (Precaution Dose) दी जाएगी। इसके लिए कोविड पोर्टल पर जनवरी से पंजीकरण भी शुरू हो जाएगा। हालांकि सरकार ने ये बात साफ कर दी है कि बच्चों के लिए विकल्प के तौर पर केवल कोवैक्सीन ही उपलब्ध होगी। साथ ही सरकार के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।

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