ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले देश के कई राज्यों में बढ़े , दिल्ली और महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित
Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ
नयी दिल्ली। भारत में एक दिन के भीतर कोरोना वायरस के 6,358 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 6,450 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। अब देश में सक्रिय मामलों की संख्या 75,456 हो गई है। जबकि कुल रिकवरी दर 98.40 फीसदी है। इस बीच कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले देश के कई राज्यों में बढ़ते दिख रहे हैं। भारत में इस नए वेरिएंट के कुल मामलों की संख्या 653 हो गई है। दिल्ली और महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां ओमिक्रॉन वेरिएंट के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले 167
महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले 167 हैं, जबकि दिल्ली में अभी तक 165, केरल में 57, तेलंगाना में 55 और गुजरात में 49 मामले सामने आए हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट से डिस्चार्ज/विस्थापित/रिकवर हुए मरीजों की संख्या महाराष्ट्र में 61, दिल्ली में 23, केरल में 1, तेलंगाना में 10 और गुजरात में 10 है। इन पांच राज्यों के बाद अन्य प्रभावित राज्यों में राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और ओडिशा शामिल हैं। ओमिक्रॉन वेरिएंट को अधिक तेजी से फैलने वाला बताया गया है। हालांकि इसके गंभीर लक्षणों को लेकर अब तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
वैक्सीन की 142.47 करोड़ डोज दी गईं
देश में वायरस के कहर को रोकने के लिए टीकाकरण की गति बढ़ा दी गई है। अब तक वैक्सीन की 142.47 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं। सक्रिय मामले कुल मामलों के 1 फीसदी से भी कम हैं, वर्तमान में ये 0.22 फीसदी हैं। ये आंकड़ा मार्च 2020 के बाद सबसे कम है। जबकि रिकवरी दर वर्तमान में 98.40 फीसदी है, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे अधिक है। पिछले 85 दिनों में दैनिक पॉजिटिविटी दर (0.61 फीसदी) 2 फीसदी से कम है । जबकि पिछले 44 दिनों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर (0.64 फीसदी) 1 फीसदी से कम दर्ज की गई है। अब तक संक्रमण का पता लगाने के लिए 67.41 करोड़ जांच की गई हैं।
बच्चों का टीकाकरण जनवरी से शुरू
ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामने आने के बाद सरकार ने 15 से 18 साल तक के बच्चों को भी वैक्सीन लगाने का फैसला लिया है। इनका टीकाकरण जनवरी से शुरू हो रहा है । इस आयु वर्ग के लोगों को केवल कोवैक्सीन ही दी जाएगी। इसके साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को तीसरी डोज के तौर पर प्रीकॉशन डोज दी जाएगी।
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