गवाह पूर्व विधायक अजय राय कड़ी सुरक्षा के बीच अवधेश राय हत्याकांड की सुनवाई के लिए एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर हुए , अगली तिथि 18 जनवरी को 

 

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ

वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) सियाराम चौरसिया की अदालत में अवधेश राय हत्याकांड में जिरह के लिए गवाह पूर्व विधायक अजय राय पुलिस कमिश्नर द्वारा दी गई कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को हाजिर हुए। वहीं, बांदा जेल से प्रमुख आरोपी बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट के समक्ष पेश हुए। मुख्तार ने अदालत से अनुरोध किया कि मुकदमा स्थानांतरण की जानकारी उन्हें अभी हुई है। इसलिए जिरह के लिए अपना अधिवक्ता नियुक्त करने के लिए उन्हें समय दिया जाए। इस पर अदालत ने समय देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 18 जनवरी नियत कर दी।

सुनवाई वाले दिन गवाह को सुरक्षा दें

अधिवक्ता अनुज यादव और विकास सिंह ने कोर्ट में आवेदन देकर कहा कि गवाह पूर्व विधायक अजय राय को जो सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है वह सिर्फ अदालत में पेशी के दौरान के लिए है। विपक्षी आरोपी दुर्दांत किस्म का है और उनसे गवाह को जान का खतरा बना हुआ है। ऐसे में मुकदमे के निस्तारण तक अत्याधुनिक असलहों से लैस सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए जाएं। कोर्ट ने आवेदन पर डीएम को आदेशित किया कि मुकदमे के निस्तारण तक सुनवाई वाले दिन गवाह को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए।

3 अगस्त 1991 को की गई थी हत्या

पूर्व विधायक अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या चेतगंज थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित उनके आवास पर 3 अगस्त 1991 को गोली मारकर की गई थी। वारदात में मुख्तार अंसारी, राकेश न्यायिक, भीम सिंह, कमलेश सिंह और बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी समेत अन्य लोग आरोपी बनाए गए थे। वर्ष 2007 में दीवानी कचहरी में बम ब्लास्ट के समय इस मामले में विधायक अजय राय की गवाही चल रही थी।

बम ब्लास्ट की घटना का जिक्र कर आरोपी राकेश न्यायिक ने जान का खतरा बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुनवाई स्थगित करा दी थी। अब वाराणसी में नवगठित विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में यह मामला स्थानांतरित होने पर जिरह की प्रक्रिया यहां शुरू हुई है। जिसमें गवाह अजय राय को विटनेश प्रोटेक्शन स्कीम-2018 के तहत सुरक्षा उपलब्ध कराई गई और वह कोर्ट में गवाही के लिए हाजिर हुए।

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