इत्र कारोबारी पीयूष जैन 254 दिनों बाद जेल से रिहा, हैट लगाकर कानपुर जेल से बाहर निकला 

 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 
 

कानपुर। इत्र कारोबारी पीयूष जैन 254 दिनों बाद जेल से बाहर आ गया है। गुरुवार दोपहर करीब 1.40 बजे वह हैट लगाकर कानपुर जेल से बाहर निकला। मुंह पर मास्क लगाए था। बाहर मीडिया का जमावड़ा था। उससे मीडिया कर्मियों ने सवाल किए। घर में मिला 197 करोड़ का कैश समाजवादी पार्टी का था या भाजपा का? लेकिन बिना जवाब दिए वह अपने वकीलों के साथ कार में बैठकर घर चला गया। जैन को पहले बुधवार को रिहाई होनी थी। लेकिन, परवाना में गड़बड़ी के कारण रिहाई टल गई थी।

23 दिसंबर को हुई थी छापेमारी, तहखाने से मिला था 25 किलो सोना
23 दिसंबर, 2021 को पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। कानपुर में 178 करोड़ और कन्नौज में घर में बने तहखाने से 19 करोड़ कैश और 25 किलो सोना मिला था। पीयूष के घर में दीवारों के बीच में, अलमारी में कैश रखा हुआ था।

इस मामले में पीयूष के खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज किए गए थे। पहला मुकदमा, GST चोरी। दूसरा मुकदमा, गोल्ड तस्करी से का था। एक में जैन को 28 जुलाई को ही जमानत मिल गई थी। दूसरे मुकदमे में पीयूष की जमानत 1 सितंबर को मंजूर हुई थी।

लॉ की किताबों में पढ़ाया जाएगा जैन केस
इत्र कारोबारी पीयूष जैन का केस नजीर बन गया है। जैन की जमानत को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रिपोर्टेड जजमेंट दिया है। इसका मतलब है कि इसे लॉ की किताबों में पीयूष जैन वर्सेज यूनियन ऑफ इंडिया के नाम से शामिल किया जाएगा। इसे दूसरे मामलों में वकील अपनी दलीलों में शामिल कर सकेंगे। 

पूर्व DGC और पीयूष जैन के वकील पीयूष कांत शुक्ला ने बताया, "इलाहाबाद हाईकोर्ट जज सुभाष विद्यार्थी ने अप्रूवल फॉर रिपोर्टिंग (AFR) जजमेंट सुनाया है। पीयूष जैन की जमानत को लेकर कहा, "किसी भी व्यक्ति की जमानत को इस आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता कि उसको जमानत दिए जाने से समाज में विपरीत असर पड़ेगा। इस फैसले को लॉ बुक्स में शामिल किया जाएगा।"

जज ने माना कंपाउंडेबिल ऑफेंस वकील पीयूष शुक्ला ने बताया कि हाईकोर्ट ने माना है कि धारा-138 के तहत पाया कि ये कंपाउंडेबिल ऑफेंस है। इसका मतलब ये कि इसे जुर्माना लेकर खत्म किया जा सकता है। वहीं, DGGI अभी तक ये ही नहीं तय कर पाई है कि पीयूष जैन पर GST चोरी का कितना जुर्माना लगाया जाए। हालांकि, पीयूष जैन ने 2 मई 2022 को 54.90 करोड़ रुपए पहले ही जमा कर चुके हैं।

कोर्ट में साबित नहीं कर पाए
पीयूष शुक्ला ने बताया, "हाईकोर्ट में पीयूष जैन के खिलाफ DGGI कोई खास सबूत नहीं पेश नहीं कर पाई।" पीयूष को हाईकोर्ट GST चोरी और गोल्ड तस्करी मामले में जमानत मिल चुकी है। दोनों ही मामलों में संबंधित विभाग कोर्ट में मजबूती से अपनी दलीलें नहीं रख पाए। कोर्ट ने माना पीयूष जैन 8 महीने से ज्यादा की सजा काट चुका है, जो इस मामले में पर्याप्त है। क्योंकि मिनिमम सजा 6 महीने और मैक्सिमम सजा 5 साल की है।"

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