नकली आईडी बनवाकर HDFC के खाताधारकों से ठगी खाताधारकों के अकाउंट से लाखों रुपए का गबन 

 

पकड़े गए तीनों ठगों की निशानदेही पर पांच मोबाइल फोन, 12 सिमकार्ड, आठ डेबिट कार्ड, दो फर्जी आधार कार्ड और तीन बैंक खाते जब्त किए गए। डीसीपी ने बताया कि तीनों आरोपित बैंक खाते में दर्ज नंबर को दुबारा से जारी करवाते थे।

उसके बाद अकाउंट से जमा राशि निकाल लेते थे। जिन फर्जी अकाउंट पर ट्रांजेक्शन हुआ है, उसकी पुलिस जांच कर रही है। 
 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 

 
नई दिल्ली।  उत्तरी दिल्ली की साइबर थाना पुलिस ने तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार  किया है। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने नकली आईडी बनवाकर बैंक के खाताधारकों के अकाउंट से लाखों रुपए का गबन किया। आरोपितों में एक प्रमुख बैंक के क्रेडिट कार्ड बिक्री विभाग का कर्मचारी शामिल है। इस फर्जीवाड़ा में शामिल अन्य की तलाश जारी है। एचडीएफसी बैंक के खाताधारकों के सिम कार्ड को रीइश्यू करवाकर रुपए निकाल लेते थे। पहले वे लोग खाताधारकों के अकाउंट का आईडी प्रूफ कॉपी करते थे। फिर उसकी नकली आईडी बनवा कर अकाउंट से नंबर बदल देते थे। इसी तरह तीनों ने मिलकर खातों से लाखों रुपए गायब कर दिए। इस बात की जानकारी उत्तरी दिल्ली के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने गुरुवार को दी।

डीसीपी सागर सिंह कलसी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए ठगों के नाम कपिल (कराला, दिल्ली), सनी कुमार सिंह (न्यू सैनिक विहार, मोहन गार्डन उत्तम नगर) व कराला निवासी पाविन रमेश है। सनी के खिलाफ रणहौला में चोरी का पहले का एक मामला दर्ज है।

शातिर अपराधी हैं तीनों
बता दें कि पकड़े गए तीनों ठगों की निशानदेही पर पांच मोबाइल फोन, 12 सिमकार्ड, आठ डेबिट कार्ड, दो फर्जी आधार कार्ड और तीन बैंक खाते जब्त किए गए। डीसीपी ने बताया कि तीनों आरोपित बैंक खाते में दर्ज नंबर को दुबारा से जारी करवाते थे। उसके बाद अकाउंट से जमा राशि निकाल लेते थे। जिन फर्जी अकाउंट पर ट्रांजेक्शन हुआ है, उसकी पुलिस जांच कर रही है। 

अजेश नाम के पीड़ित ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल के माध्यम से शिकायत की थी। उनका आरोप था कि बगैर उनकी जानकारी के उनका नंबर बदलने का मैसेज आया। फिर जीमेल के पासवर्ड बदले जाने का भी नोटिफिकेशन आया। जब शक हुआ तो सिम कार्ड डेड था। उन्होंने वोडाफोन स्टोर पर शिकायत की। पता चला कि कुछ दिन पहले उनका सिम कार्ड फिर से जारी किया गया है।

एचडीएफसी में की शिकायत
इन सब परेशानियों के बाद जब अजेश ने एचडीएफसी अकाउंट का स्टेटमेंट देखा तो खाते से 11 लाख रुपये का लोन लिया हुआ पाया। लोन राशि से एक लाख इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से किसी और के खाते में ट्रांसफर किया हुआ पाया गया। इसके बाद एसीपी आपरेशन स्वागत राज कुमार पाटिल व इंस्पेक्टर पवन तोमर की टीम ने मनी ट्रेल और अपराध से जुड़े कॉल रिकार्ड की जांच कर 20 जून को तीनों को कराला व अन्य जगहों से दबोच लिया।

एक ठग के पास थी अकाउंट की सारी डिटेल
पूछताछ में पता चला कि तीनों रोहिणी और उसके आसपास के इलाके में रहते हैं और आपस में दोस्त हैं। सनी कुमार सिंह रोहिणी के एंबिएंस माल में एक नामी बैंक के क्रेडिट कार्ड सेल्स डिपार्टमेंट में काम करता है। उसके पास बैंक के रिकॉर्ड का एक्सेस था। जिससे वह अकाउंट्स की डिटेल, अकाउंट होल्डर का जीमेल वगैरह सब जानकारी रख सकता था। खातों से जुड़ा मोबाइल नंबर, ग्राहक का पता और आईडी प्रूफ की भी जानकारी शामिल होती थी। उसके बाद वह अन्य आरोपितों के साथ मिलकर प्लान बनाता था और रुपए निकालता था। 

पाविन रमेश और राकेश फोटोशॉप के माध्यम से फर्जी आईडी प्रूफ बनाते थे। उनकी फोटो फर्जी आईडी पर होती थी। वे दोनों खातों से जुड़े फोन नंबर के सिम कार्ड दोबारा जारी करवा लेते थे। सनी कुमार सिंह एचडीएफसी अकाउंट की लिंक्ड जीमेल आईडी को बदल देता था, ताकि वह जीमेल आईडी पर आए ओटीपी को पढ़ सके। उसके बाद तीनों खातों में जमा रकम निकाल लेते थे।
 
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