सिख दंगे के दो और आरोपी गिरफ्तार: अर्मापुर में सिख परिवार के दो लोगों की नृशंस हत्याकांड को दिया था अंजाम, अब तक 30 आरोपी भेजे गए जेल 

 

सिख दंगे के दो और आरोपी गिरफ्तार: अर्मापुर में सिख परिवार के दो लोगों की नृशंस हत्याकांड को दिया था अंजाम, अब तक 30 आरोपी भेजे गए जेल

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ   

कानपुर ।  कानपुर सिख विरोधी दंगे की जांच कर रही एसआईटी ने शनिवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों ने पनकी में सिख दंगे के दौरान अर्मापुर में नर संहार किया था। एसआईटी ने 38 साल बाद सिख दंगे में अब तक कुल 30 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है।

सिख दंगे के दौरान अर्मापुर में किया था दोहरा नृशंस हत्याकांड

एसआईटी चीफ डीआईजी बालेंदु भूषण ने शनिवार को बताया कि 1984 सिख दंगे के दौरान अर्मापुर में भी नर संहार हुआ था। इस दौरान अर्मापुर इस्टेट निवासी वजीर सिंह और सतनाम उर्फ सिम्मी की नृशंस हत्या कर दी गई थी। बलवाइयों ने इनका घर भी लूट लिया था। मामले को लेकर 1984 में ही अर्मापुर में एफआईआर नंबर 111अ/1984 दर्ज हुआ था, लेकिन जांच के बाद मामले में एफआर लगाकर आरोपियों को क्लीनचिट दे दी गई थी। एसआईटी ने मामले की दोबारा जांच शुरू की तो सामने आया कि पनकी आवास-विकास 3 निवासी बृजेश दुबे और पनकी ई-ब्लॉक निवासी राजेंद्र कुमार जायसवाल उर्फ गुड्डू ने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था।

एसआईटी चीफ ने बताया कि एसआईटी अब तक 30 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। फरार चल रहे अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा।

सिख दंगे के फरार आरोपियों के घर चलेगा बुलडोजर

एसआईटी चीफ बालेंदु भूषण ने बताया कि सिख विरोधी दंगे में फरार चल रहे आरोपियों के खिलाफ कुर्की की तैयारी की जा रही है। कोर्ट से आदेश मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ कुर्की करने के साथ ही उनकी संपत्तियाें पर बुलडोजर चलाया जाएगा।

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