मंकीपॉक्स को लेकर आने वाले 30 दिन खतरनाक स्टेट मेडिकल एक्सपर्ट पैनल की हाई लेवल कमेटी ने सुझाव दिया 

The High Level Committee of the State Medical Expert Panel suggested the dangerous 30 days to come regarding monkeypox

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ। भारत में मंकीपॉक्स के अब तक कुल 9 कंफर्म केस सामने आए हैं। 1 मरीज की मौत हो गई है। जो केस आए हैं, उसमें 5 केरल और 4 दिल्ली में सामने आए हैं। यूपी के गाजियाबाद में संदिग्ध मरीज मिलने के बाद स्टेट मेडिकल एक्सपर्ट पैनल की हाई लेवल कमेटी भी एक्टिव हो चुकी है।

पैनल इस वायरस को कम्युनिटी स्प्रेडर नहीं बनने पर जोर दिया है। राज्य स्तरीय समिति की वरिष्ठ सदस्य और लखनऊ के KGMU के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी बताते हैं कि अगले 30 दिन ज्यादा खतरनाक हैं। अलर्ट होकर इस संक्रमण से बच सकते हैं।


हाईलेवल कमेटी के सुझाव

  1. यूपी में मंकीपॉक्स के जुड़े लक्षण पाएं जाने पर, सबसे पहले होम आइसोलेशन का प्रोटोकॉल फॉलो करना होगा।
  2. एक्सपर्ट पैनल ने विदेशों में मंकीपॉक्स के मामले में होमो सेक्सुअल होने के कारण, यूपी में भी इस कम्युनिटी को सॉफ़्ट टारगेट माना है। ऐसे लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
  3. यूपी के सभी कोविड अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में 10 बेड मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए रिजर्व करने का सुझाव दिया गया है।
  4. मंकीपॉक्स की जांच के लिए केजीएमयू  (KGMU) को नोडल सेंटर बनाया गया हैं। जांच के सैंपल नोडल सेंटर में पहुंचे। उसके 24 से 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट भेजी जाए।
  5. मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज की हालत बिगड़ने लगे तो एंटी वायरल ड्रग से इलाज शुरू किया जाए।
  6. लोगों को अवेयर करने की जरूरत है। एक्सपर्ट पैनल ने पैनिक नहीं, सतर्क रहने का सुझाव दे रहा है।

समझिए, क्यों अगले 30 दिन ज्यादा खतरनाक मान रहे एक्सपर्ट

एक सभा में संक्रामक बीमारियों पर बोलते लखनऊ के केजीएमयू  (KGMU) के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी।

एक सभा में संक्रामक बीमारियों पर बोलते लखनऊ के केजीएमयू  (KGMU) के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी।

केजीएमयू (KGMU) के कुलपति डॉ. विपिन पुरी कहते हैं,"ये मानसून का सीजन है। 

मंकीपॉक्स को लेकर अगले 30 दिन बेहद अहम साबित होने वाले हैं। 

पड़ोसी राज्य दिल्ली में भी 2 केस मिले हैं। इसलिए आने वाला 1 महीना अहम साबित होने जा रहा हैं। क्योंकि इस दौरान डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। बीते 2 साल में कोरोना संक्रमण भी इसी मौसम में फैला है। इस बार मंकीपॉक्स से अलर्ट रहने की जरूरत जताई जा रही है।"

मंकीपॉक्स बीमारी के लक्षण 

  • मंकीपॉक्स एक तरीके का संक्रामक रोग है।
  • इसमें चेचक के समान ही शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं।
  • पहली बार ये संक्रमण बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया है।
  • बंदरों के बाद कांगो में 1970 में मंकीपॉक्स का इंसानों में पहला मामला पाया गया था।
  • मंकीपॉक्स में बुखार, कमजोरी, बदन दर्द, शरीर पर चकत्ते होना, सूजन, मांसपेशियों में दर्द, शरीर पर दाने और गांठ नुमा फोड़े पड़ होते है।
  • ये बीमारी 3 से 4 हफ्ते रहती है और संक्रमण के तीन से चार दिन बाद इसके लक्षण दिखते है।
  • इस दौरान बुखार, बदन दर्द, कोशिकाओं में सूजन और शरीर पर चकते आते है लेकिन ये उतनी तेजी से नहीं फैलती है।
  • इसमें वो लोग संक्रमण की चपेट आ सकते है जो मरीज के आस पास होते हैं।

मंकीपॉक्स की वैक्सीन अभी भारत में नहीं है
अब तक जानकारों का मानना है कि ये बीमारी कोरोना या स्मॉलपॉक्स जैसी खतरनाक नहीं है। इसकी वैक्सीन है, जो कुछ देशों में है। मगर अभी भारत में नहीं है। भारत में आईसीएमआर ने मंकीपॉक्स के वायरस को अलग किया है, जिसे आने वाले समय में वैक्सीन और टेस्टिंग किट बनेगी।

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