काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में फेज टू का काम पूरा , तैयार हुआ मोमोक्षु भवन इस का नाम बैधनाथ धाम रखा गया 

Phase Two work in Kashi Vishwanath Dham Corridor completed, Momokshu Bhawan ready, it was named Baidhanath Dham

शिव की काशी नगरी काशी में मौत को भी उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है।  इस नगरी में लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए मौत की कामना करते हैं।

यही वजह है कि शहर बनारस में कई ऐसे भवन हैं, जहां जीवन का अंतिम समय लोग बिताने आते हैं और बाबा के चरणों में अपने अंतिम सांस की कामना करते हैं, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो।

कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति काशी नगरी में अपने प्राण छोड़ता है तो उसे सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ 


वाराणसी। बनारस में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनकर तैयार हो चुका है, जिसकी आभा भी पूरे विश्व में फैल चुकी है। विश्वनाथ धाम के फेज टू का भी अब काम पूरा हो चुका है। धाम के सभी भवनों में एक ऐसा भी भवन है, जहां लोग मोक्ष की कामना में अपना जीवन बिताएंगे। विश्वनाथ धाम में   हाईटेक भवन तैयार है, जहां लोग जीवन की अंतिम सांस लेंगे। 

दरअसल, शिव की काशी नगरी काशी में मौत को भी उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है।  इस नगरी में लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए मौत की कामना करते हैं।  यही वजह है कि शहर बनारस में कई ऐसे भवन हैं, जहां जीवन का अंतिम समय लोग बिताने आते हैं और बाबा के चरणों में अपने अंतिम सांस की कामना करते हैं, ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो।  कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति काशी नगरी में अपने प्राण छोड़ता है तो उसे सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।  इसी मान्यता को लेकर दूरदराज से लोग जीवन के अंतिम पड़ाव में आकर यहां बस जाते हैं।  हालांकि, ऐसे लोगों को अब काशी में दर-दर भटकना नहीं पड़ेगा क्योंकि विश्वनाथ धाम में ‘ मोक्ष  का भवन ’ तैयार हो चुका है, जहां उन्हें बाबा के चरणों में मोक्ष मिलेगा। इस भवन का नाम बैधनाथ धाम रखा गया है, बनारस में जिसे मोमोक्षु भवन के नाम से जाना जाता है। 

इस भवन में मौत का इंतजार करने वाले लोगों के लिए सारी सुविधाएं दी गई हैं। हाईटेक बिस्तर, फुल एयर कंडीशन हॉल, किचन, शौचालय और रहने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग अलमारी। इस भवन में 42 बेड लगाए गए हैं, जहां 65 साल के ऊपर के व्यक्तियों को रहने की सुविधा दी जाएगी लेकिन सबसे पहले वरीयता उन बुजुर्ग लोगों दी जाएगी, जो लगभग अपने जीवन के अंतिम सांस गिन रहे हों। इनके लिए यहां दवाई से लेकर भोजन तक की सारी सुविधा उपलब्ध है। बड़ी बात यह है कि धाम में तैयार इस भवन के कारण जो बुजुर्ग व्यक्ति यहां अपनी मौत के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवाएंगे, उनको बाबा विश्वनाथ के चरणों में जाने के लिए ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि के यह भवन, बाबा के गर्भगृह के परिसर से बिल्कुल नजदीक है। 

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