वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ा : गंगा पार के विशाल रेत बह गए , घाट किनारे कई मंदिर डूबने के कगार पर 

Ganga's water level rises in Varanasi: huge sands washed away across the Ganges, many temples on the banks of the ghat are on the verge of drowning

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ


वाराणसी। गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है, इसलिए पानी यूपी की ओर आ रहा है। इसकी वजह से वाराणसी में गंगा पार के विशाल रेत बह गए और वहीं इस किनारे घाटों के संपर्क टूटने लगे हैं। अब सैलानी और श्रद्धालु एक से दूसरे घाटों पर भ्रमण करने नहीं जा सकेंगे।

मणिकर्णिका घाट पर शवदाह स्थलों को ऊपर किया जा रहा है। बीते 3-4 दिन में 8-10 घाट गंगा में डूब चुके हैं। सिंधिया घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव से लेकर शीतला घाट तक के मंदिर तक पानी पहुंच गया है।

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, वाराणसी में गंगा का जलस्तर आज सुबह यानी शुक्रवार को 61.76 मीटर पर आ गया है। हर घंटे 1 सेंटीमीटर की स्पीड से गंगा में पानी बढ़ रहा है। वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से अभी 9.50 मीटर ही कम हैं। वहीं प्रयागराज में 9 मीटर और कानपुर में साढ़े 4 मीटर दूर है। जबकि, उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान से महज 2 मीटर और ऋषिकेश में डेढ़ मीटर दूर हैं।

"बादल फटने से बढ़ रहा जलस्तर"
वाराणसी में लोगों का कहना है कि गंगा के जलस्तर में इतनी तेज बढ़ोतरी कभी नहीं देखी। मानसून की बारिश और बादलों के फटने से उत्तराखंड की पहाड़ियों से निकलने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है। गंगा, यमुना और घाघरा जल्द ही चेतावनी स्तर को पार कर सकती है। मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अभी उत्तराखंड में 3 दिनों तक घनघोर बारिश हो सकती है। इसलिए जल स्तर बढ़ना तय है।

नाइट बोटिंग न करने की हिदायत
वाराणसी में जल पुलिस और अधिकारियों ने गश्त बढ़ा दी है। शाम आरती के बाद गंगा में बोटिंग न करने की सलाह दी जा रही है। जल पुलिस बाढ़ के खतरे से बचने का अनाउंसमेंट लगातार कर रही है। गहरे पानी में न जाए और नाव पर निर्धारित सवारी हो, वहीं बिना लाइफ जैकेट के बोट राइडिंग न करें।

पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बाढ़ राहत दल को सतर्कता बरतने की बात कही है। उन्होंने कल कैंप कार्यालय पर पीएसी के कंपनी कमांडर, सहायक सेनानायक और 34वीं वाहिनी के सेनानायक के साथ बैठक की थी।

उत्तराखंड से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
उत्तराखंड के नरौरा बांध से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। यह बाढ़ भी ला सकता है। नरौरा बैराज से शुक्रवार को 35759, बिजनौर से 37900 और हरिद्वार से 49063 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया। इससे गंगा का सबसे विहंगम रूप काशी में दिखने लगा है।

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