सीएम योगी ने ब्रह्म मुहूर्त में गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में गोरखनाथ मंदिर में रविवार सुबह खिचड़ी चढ़ाकर मकर संक्रांति की शुरुआत की
Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
गोरखपुर। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में गोरखनाथ मंदिर में रविवार सुबह खिचड़ी चढ़ाकर मकर संक्रांति की शुरुआत की। खिचड़ी चढ़ाने के बाद मंदिर के भ्रमण पर निकले गोरक्ष पीठाधीश्वर ने लोगों को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं भी दी।
रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में गोरक्षपीठाधीश्वर ने मकर संक्रांति पर परंपरागत पूजा की। इसके बाद गोरक्षपीठ और नेपाल नरेश की ओर से खिचड़ी चढ़ाई गई। परंपरानुसार नेपाल राज परिवार से गोरखनाथ मंदिर में हर साल चढ़ाने के लिए खिचड़ी आती है। फिर आम श्रद्धालु के खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ। इसी के साथ सवा महीना तक चलने वाले गोरखनाथ मंदिर के खिचड़ी मेला का शुभारंभ किया गया।
(सीएम योगी ने मकर संक्रांति के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों को मकर संक्रांति की बधाई और शुभकामनाएं दीं।)
सुबह से ही मंदिर में गूंज रहे ढोल-नगाड़े
रविवार सुबह से ही पूरा मंदिर परिसर ढोल, नगाड़ों से गूंज उठा। श्रद्धालु गुरु गोरखनाथ के जयकारे लगा रहे हैं। गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में योगी ने अनुष्ठान और पूजा-पाठ सुबह 4:15 बजे तक किया। इसके बाद देश के कई क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने खिचड़ी चढ़ाया। इनमें सबसे अधिक संख्या नेपाल से आने वाले श्रद्धालुओं की है। इस दौरान क्या महिलाएं क्या पुरुष और क्या बच्चे, सभी गुरु गोरखनाथ की दर्शन के लिए मंदिर में उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं ने अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए अपने आराध्य गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाई।
पूरा मंदिर परिसर ढोल, नगाड़ों से गूंज रहा है। श्रद्धालु गुरु गोरखनाथ के जयकारे लगा रहे।
सुबह 4 बजे श्रद्धालुओं के लिए खुला मंदिर
सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही गुरु गोरक्षनाथ और हर-महादेव के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर परिसर में उमड़ पड़ा। ठंड और कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं के गोरखनाथ मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है।
कपाट खुलते ही गुरु गोरक्षनाथ और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं का हुजूम मंदिर परिसर में उमड़ पड़ा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मन्दिर के स्वयंसेवक और पुलिस-प्रशासन के लोग जगह-जगह पर तैनात हैं। उधर, शनिवार की रात से ही खिचड़ी मेले की छटा देखने लायक है। मेला परिसर देखकर श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। झूले लगातार चल रहे हैं और स्टालों पर भीड़ उमड़ पड़ी है।
- अब आइए जानते हैं, क्यों और कबसे चढ़ाई जाती गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी...
(मकर संक्रांति पर्व पर बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा युगों पुरानी है।)
त्रेता युग से चढ़ रही है गुरु गोरक्षनाथ को खिचड़ी
महानगर में स्थित गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में मकर संक्रांति पर्व पर बाबा गोरक्षनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा युगों पुरानी है। भगवान सूर्य के प्रति आस्था से जुड़े इस पर्व पर खिचड़ी चढ़ाने का इतिहास त्रेतायुग का है। जिसका आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निर्वहन किया जा रहा है।
मान्यता के अनुसार, त्रेता युग में गुरु गोरक्षनाथ भिक्षा मांगते हुए हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मशहूर ज्वाला देवी मंदिर गए। सिद्ध योगी को देख देवी साक्षात प्रकट हो गईं और गुरु को भोजन का आमंत्रण दिया। जब गुरु पहुंचे तो वहां मौजूद कई तरह के व्यंजन देख ग्रहण करने से इन्कार कर दिया और भिक्षा में मिले चावल-दाल ही ग्रहण करने की बात कही।
(गोरखनाथ मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का हुजूम।)
देवी ने गुरु की इच्छा का सम्मान किया और कहा कि आप के द्वारा लाए गए चावल-दाल से ही भोजन कराऊंगी। उधर, उन्होंने भोजन बनाने के लिए आग पर पात्र में पानी चढ़ा दिया। वहां से गुरु भिक्षा मांगते हुए गोरखपुर चले आए।
(प्रदेश के कोने-कोने से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गुरु गोरक्षनाथ को आस्था की खिचड़ी चढ़ाई।)
यहीं साधना में लीन हो गए थे गुरु गोरक्षनाथ
यहां उन्होंने राप्ती और रोहिणी नदी के संगम पर एक स्थान कर अपना अक्षय पात्र रख दिया और साधना में लीन हो गए। उसी दौरान जब खिचड़ी यानी मकर संक्रांति का पर्व आया तो लोगों ने एक योगी का भिक्षा पात्र देखा तो उसमें चावल और दाल डालने लगे। जब काफी मात्रा में अन्न डालने के बाद भी पात्र नहीं भरा तो लोगों ने इसे योगी का चमत्कार माना और उनके सामने श्रद्धा से सिर झुकाने लगे।
तभी से गुरु की इस तपोस्थली पर खिचड़ी पर चावल-दाल चढ़ाने की जो परंपरा शुरू हुई, वह आज तक उसी आस्था व श्रद्धा के साथ चल रही है। उधर, ज्वाला देवी मंदिर में आज भी बाबा गोरक्षनाथ के इंतजार में पानी खौल रहा है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी चढ़ाने की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा हो ती है, उसके बाद यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहता है।
- अब आइए जानते हैं, खिचड़ी मेला से जुड़ी कुछ और जरूरी जानकारियां...
इस बार गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में ATS भी तैनात की गई है।
थ्री लेयर में मंदिर की सुरक्षा, ATS संभाल रही मोर्चा
इस बार खिचड़ी मेला की सुरक्षा थ्री लेयर में है। वहीं, गोरखनाथ मंदिर को सुरक्षा के लिहाज से 4 सुपरजोन और 10 जोन में बांटा गया है। जबकि, मंदिर की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को देखते हुए पूरे इलाके को 25 सेक्टर में भी बांटा गया है। सभी सेक्टरों में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।
एडिशन SP के हवाले सुपरजोन
ADG अखिल कुमार ने बताया, सभी सुपरजोन की निगरानी के लिए एडिशन SP रैंक के अधिकारी तैनात किए गए हैं। जबकि, जोन की निगरानी CO लेवल के अधिकारी कर रहे हैं। इसके अलावा सभी सेक्टरों की निगरानी इंस्पेक्टर करे रहे हैं। इसके लिए जिला पुलिस के अलावा रेंज और जोन से भी पुलिस फोर्स मंगाई गई है। साथ ही मुख्यालय से भी फोर्स और अधिकारी मंदिर की सुरक्षा के लिए आए हैं।
मंदिर की सुरक्षा में बंदबख्त गाड़ियां भी मंगाई गई हैं। ताकि, किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
PA सिस्टम से हो रही निगरानी
इतना ही नहीं, इस बार खिचड़ी मेला में यूपी पुलिस के जवानों के अलावा ATS भी तैनात की गई है। जोकि किसी तरह की आतंकी घटना और उसकी साजिश से निपटने को हर पल तैयार है। जबकि, मंदिर से लेकर सड़क तक सब कुछ CCTV कैमरों की निगरानी में चल रही है।
इसके लिए मंदिर परिसर में 20 तो बाहर 13 और भी CCTV लगाए गए हैं। वहीं, मंदिर में PA सिस्टम भी लगाया गया है। मेला के दौरान मंदिर परिसर के अंदर 10 तो बाहर 20 PA सिस्टम लगाया गया है। ताकि, हर एक गतिविधियों पर निगरानी होती रहे।
ठंड और कोहरे के बावजूद श्रद्धालुओं के गोरखनाथ मंदिर पहुंचने का सिलसिला जारी है।
मंदिर की सुरक्षा में इतनी फोर्स
- एडिशनल SP : 6
- CO : 20
- इंस्पेक्टर : 75
- सब इंस्पेक्टर : 400
- MSI : 48
- कांस्टेबल : 1427
- लेडी कॉन्स्टेबल : 450
- TSI : 40
- HC-TP : 153
- C-TP : 192
- इंस्पेक्टर LIU : 7
- सब इंस्पेक्टर LIU : 27
- HC LIU : 35
- PAC : 3 कंपनी और एक प्लाटून
- ATS : एक टीम
(मेला परिसर देखकर श्रद्धालुओं के उत्साह का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।)
वालंटियर भी निभा रहे जिम्मेदारी
गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग लाइन बनाई गई है। किसी श्रद्धालु को दिक्कत न हो इसके लिए वालंटियर उनकी मदद के लिए मौजूद हैं। इसमें एमपी शिक्षा परिषद के छात्र और शिक्षक, नागरिक सुरक्षा कोर के सदस्य, NCC वालंटियर, भारत सेवाश्रम के वालंटियर, विश्व हिंदू महासंघ और मंदिर से जुड़े लोग शामिल हैं। ये लोग बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की लाइन लगवा कर खिचड़ी चढ़ाने से लेकर उन्हें यात्री निवास, हिंदू सेवाश्रम सहित अन्य स्थानों पर रहने की व्यवस्था करा रहे हैं।
डायवर्ट हैं रूट, इन रास्तों पर नहीं चल रही गाड़ियां
मकर संक्रांति पर 14 जनवरी की सुबह से 16 जनवरी की रात तक डायवर्जन जारी है। इसके बाद फिर 22 जनवरी, 24 जनवरी, 26 जनवरी और 5 फरवरी को डायवर्जन लागू रहेगा। गोरखनाथ मंदिर की ओर कोई भी वाहन नहीं जाएंगे। श्रद्धालुओं के वाहन के पार्किंग के लिए स्थल निर्धारित कर दिया गया है।
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