BPSC पेपर लीक मामले में VVIP कनेक्शनः रडार पर सीनियर एडीएम से लेकर बिहार पुलिस के DSP तक

BPSC पेपर लीक मामले में VVIP कनेक्शनः रडार पर सीनियर एडीएम से लेकर बिहार पुलिस के DSP तक

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग के पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के रडार पर कई वीआईपी है। सीनियर एडीएम से लेकर बिहार पुलिस के डीएसपी तक शक के घेरे में है। अलग-अलग जगहों पर पदस्थापित एक दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ ईओयू जांच में जुटी हुई है।

वर्तमान में इन अधिकारियों की पोस्टिंग बिहार सरकार के अलग-अलग डिपार्टमेंट में है। कोई बिहार प्रशासनिक सेवा के तहत सीनियर एडीएम है तो कोई बिहार पुलिस में डीएसपी है। कोई लेवर इंफोर्समेंट तो कोई कॉमर्शियल टैक्स का अधिकारी है।

सभी का कनेक्शन बिहार लोक सेवा आयोग के 67वें एग्जाम के क्वेश्चन पेपर लीक कांड से जुड़ गया है। बीपीएससी का एग्जाम पास कर अधिकारी बने एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की नौकरी भी संदेह के घेरे में आ चुकी है। जिसकी जांच की जाएगी।

सभी का रिटन एग्जाम में अधिक नंबर है, जबकि इंटरव्यू में कम

दरअसल, इन सभी के कनेक्शन इस केस में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए डीएसपी रंजीत कुमार रजक से है। ईओयू के अनुसार, सभी संदिग्ध रंजीत कुमार रजक के बाद ही बीपीएससी का एग्जाम पास कर सरकारी नौकरी में आए हैं।

इन सभी के रिटेन एग्जाम नंबर काफी अधिक हैं, जबकि इंटरव्यू में मिले नंबर काफी कम हैं। संदेह के घेरे में आए इन अधिकारियों से पूछताछ का सिलसिला शुरू हो चुका है। ईओयू के अनुसार, इनमें कुछ संदिग्ध अधिकारियों से पूछताछ हो चुकी है और बाकी के अधिकारियों से भी एक-एक कर पूछताछ होगी। 

मामले में जदयू नेता सहित दो जेल में 

पेपर लीक कांड में जदयू नेता और राम शरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल शक्ति कुमार को गिरफ्तार किया गया था। रिमांड में पूछताछ के बाद शक्ति ने बीएसएपी के डीएसपी रंजीत कुमार रजक का नाम लिया था।

जिसके बाद तीन बार की पूछताछ के बाद इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस बात का पता चलने के बाद जांच एजेंसी ने सवाल उठाया है कि उस वक्त कॉपियां बाहर निकली कैसे? कॉपियों पर सवालों के जवाब किन लोगों ने लिखे थे? क्या स्ट्रांग रूम से जुड़े किसी व्यक्ति की इसमें कोई भूमिका थी? इन सवालों का जवाब तलाशने के लिए बीपीएसपी के कई स्टाफ भी शक के घेर में आ गए है, इनसे भी पूछताछ की जाएगी।

जिनपर शक है उनके मेंस एग्जाम की कॉपी मांगी गई 

संदेह के घेरे में आए इन अधिकारियों की मेंस एग्जाम की कॉपियों को मांगा गया है। जिनकी अब जांच होगी। क्योंकि, शक इस बात का है कि इनकी कॉपी अलग से निकाल कर लिखी गई है।

इनकी कुंडली को ईओयू ने शुरुआत से ही खंगालना शुरू कर दिया है। इसके लिए जांच एजेंसी की अलग-अलग टीम अलग-अलग तरीकों से लगातार काम कर रही है।

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