संजय राउत अरेस्ट, हिरासत में भी भगवा गमछा लहराते विजेता की तरह पहुंचे थे ED ऑफिस

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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

मुंबई। ईडी ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को अरेस्ट कर लिया है। पात्रा चॉल घोटाले में पूरे दिन दो राउंड में चली पूछताछ के बाद राउत को देर रात में अरेस्ट कर लिया गया है। शिवसेना सांसद पर मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच ईडी कर रही है।

 60 वर्षीय राउत को दक्षिण मुंबई के बैलार्ड एस्टेट में ईडी के जोनल कार्यालय में छह घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत सोमवार सुबह 12:05 बजे हिरासत में लिया गया क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के राज्यसभा सांसद को बाद में दिन में मुंबई में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जाएगा, जहां प्रवर्तन निदेशालय उनकी हिरासत की मांग करेगा।

सुबह सवेरे संजय राउत के घर पहुंची थी ईडी

ईडी रविवार को संजय राउत के घर पर रेड कर पूछताछ कर रही थी।  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने रविवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को मुंबई में उनके घर की तलाशी और पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया था।

पूर्व में ईडी राउत को मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ कर चुकी है जबकि दो बार समन के लिए बुला चुकी है। जांच एजेंसी ने शिवसेना नेता को 27 जुलाई को तलब किया था लेकिन संसद सत्र का हवाला देते हुए वह पेश नहीं हुए थे।

करीब नौ घंटे तक घर पर पूछताछ किया अधिकारियों ने

रविवार की सुबह सात बजे जांच एजेंसी की टीम सीआईएसएफ अधिकारियों के साथ मुंबई के पूर्वी उपनगर बांडुप में राउत के घर पहुंची और तलाशी शुरू की। ईडी, राउत से मुंबई में एक चॉल के पुन: विकास, उनकी पत्नी और करीबी सहयोगियों से संबंधित लेनदेन के संबंध में पूछताछ करना चाहती थी।

शिवसेना सांसद संजय राउत से ईडी के अधिकारियों ने करीब 9 घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद उनको हिरासत में लिया गया। भांडुप में उनके बंगले मैत्री पर सुबह सात बजे ईडी के दस अफसरों की टीम पहुंची थी।

ईडी के अधिकारियों ने संजय राउत व उनके भाई विधायक सुनील राउत के कमरों की तलाशी ली। ईडी ने संजय राउत के अलावा परिवार के सदस्यों से भी पूछताछ की। ईडी के अधिकारियों के अनुसार राउत जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, इसलिए उनको पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।

हिरासत में लेने के बाद ईडी दफ्तर लाए गए संजय राउत

घर पर शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत को ईडी ने हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेने के बाद संजय राउत को ईडी दफ्तर लाया गया। ईडी की हिरासत में घर से निकले संजय राउत बेहद निराले अंदाज में ईडी दफ्तर पहुंचे।

वह घर से अपना निकले तो भगवा गमछा लहराते हुए निकले। जगह-जगह कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन करते रहे, गमछा हिलाने के साथ साथ विक्ट्री साइन भी दिखाते रहे। यहां ईडी ऑफिस में अंदर जाने के पहले राउत ने कहा कि वह न झुकेंगे न शिवसेना छोड़ेंगे।

उनके खिलाफ झूठा केस बनाया जा रहा है, लोगों को मार मारकर झूठे सबूत तैयार कराए जा रहे हैं। इसके बाद ईडी ऑफिस के बाहर जुटे काफी संख्या में कार्यकर्ताओं का संजय राउत ने भगवा गमछा लहराकर अभिवादन किया।

उधर, सूत्रों की मानें तो संजय राउत के घर से ईडी को साढ़े 11 लाख रुपये नकदी भी मिली है। बताया जा रहा है कि राउत या उनका परिवार इन पैसों का कोई सोर्स नहीं बता सका है। 

दादर फ्लैट सील 

ED ने रविवार को राउत का दादर वाला फ्लैट सील कर दिया है। आरोप है कि संजय राउत ने पात्रा चॉल जमीन घोटाले के पैसे से यह फ्लैट खरीदा था। ईडी की टीम संजय राउत के अलावा उनके दो करीबियों के घर पर भी रेड की है। इन लोगों के यहां भी तलाशी ली गई है।

संजय राउत ने लगाया बदले की कार्रवाई का आरोप

संजय राउत, उद्धव ठाकरे खेमे के हैं। शिवसेना के बागी गुट के खिलाफ राउत मोर्चा खोलने के अलावा केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी करते रहे हैं। राउत ने ईडी की कार्रवाई को बदले की कार्रवाई बता रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के कारण निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि '...झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत...मैं शिवसेना नहीं छोड़ूंगा...मैं मर भी जाऊं, मैं आत्मसमर्पण नहीं करूंगा...मेरा किसी घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है। मैं यह शपथ लेकर कह रहा हूं शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की। बालासाहेब ने हमें लड़ना सिखाया. मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा।'

बीजेपी ने कहा निर्दोष हैं तो डर क्यों रहे?

भाजपा ने शिवसेना नेता पर पलटवार किया है। बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा, 'अगर वह निर्दोष है तो वह प्रवर्तन निदेशालय से क्यों डरता है? उसके पास प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए हर समय है लेकिन पूछताछ के लिए जांच एजेंसी के कार्यालय जाने का समय नहीं है।'

पात्रा चॉल जमीन घोटाला क्या है?

पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव में बनी है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) की जमीन है। इसमें 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। जिस जमीन पर ये फ्लैट रिडेवलप होने थे, उसका एरिया 47 एकड़ था।

गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को धोखे में रख  बिना फ्लैट बनाए ही ये जमीन 9 बिल्डरों को बेच दी। इससे उसे 902 करोड़ रुपए मिले। बाद में गलत तरीके से कमाए इन पैसों का एक हिस्सा अपने करीबी सहयोगियों को ट्रांसफर कर दिया।

आरोप है कि रियल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे।

बाकी MHADA और उक्त कंपनी को दिए जाने थे। लेकिन 2011 में इस जमीन के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया। 2020 में कोरोना काल के दौरान महाराष्ट्र में PMC बैंक घोटाला सामने आया था।

जब इस घोटाले की जांच हो रही थी, तभी प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। इसी दौरान पता चला कि बिल्डर प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा के खाते में 55 लाख रुपए भेजे गए थे।

ED की टीम इसी बात की जांच कर रही है कि ये ट्रांजेक्शन क्यों किया गया। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था।

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