बिहार : 30 साल पहले पानी में अदृश्य हो गई थी 120 साल पुरानी ये मस्जिद, जानें कैसे बाहर निकली 

Bihar: This 120-year-old mosque became invisible in water 30 years ago, know how it came out

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नवादा यह तस्वीर बिहार के नवादा जिले में स्थित फुलवरिया बांध जलाशय(Phulwaria Dam reservoir) की है। ऐसा 30 साल बाद हुआ है, जब यह काफी हद तक सूख गया है। रिजवायर में पानी की कमी होने से मुद्दतों से पानी में डुबी एक पुरानी मस्जिद बाहर निकलने से लोगों में उसे देखने जिज्ञासा बनी हुई है। नवादा जिले के रजौली ब्लॉक के चिरैला गांव में यह जलमग्न मस्जिद फुलवरिया बांध जलाशय के दक्षिणी छोर में पानी के सूखने के बाद जैसे जादुई-सी प्रकट हुई है। पुराने समय के लोग मस्जिद का नाम नूरी मस्जिद बताते हैं, जो 1985 में फुलवरिया बांध के निर्माण के बाद डूब गई थी। अब इस मस्जिद की चर्चा मीडिया और सोशल मीडिया दोनों जगह पर है।

120 साल पुरानी है ये मस्जिद
इस मस्जिद को नई पीढ़ी के लोग जानते तक नहीं है। पुराने लोग भी लगभग भूल चुके थे। इससे पहले जब भी रिजरवायर का वाटर लेवल कम होता था, तो मस्जिद के गुम्बद का एक हिस्सा ही नजर आता था। जिन्हें इसके बारे में पता नहीं था, वे उसे देखकर हैरान होते थे। अब लोग मस्जिद को देखने पहुंच रहे हैं। मस्जिद तक आसानी से पहुंचा जा रहा है। मस्जिद की जमीन से ऊपरी गुम्बद तक की ऊंचाई करीब 30 फीट है।

water levels of the Phulwaria Dam reservoir dropped then reveal a mosque, Interesting Story Noori Masjid of Bihar kpa

यह है इसके पीछे की दिलचस्प कहानी
1979 में डैम का निर्माण शुरू होने से पहले तक मस्जिद अस्तित्व में थी। जब सरकार ने इस क्षेत्र को अपने अधिग्रहण में लिया, तो बांध बनाने के लिए गांव आदि खाली करवाए गए। यहां रहने वाले लोगों को नवादा जिले के रजौली ब्लॉक के हरदिया गांव में शिफ्ट कर दिया गया। बुजुर्ग लोग बताते हैं कि यह मस्जिद 20वीं सदी की शुरुआत में किसी समय बनाई गई थी। कुछ लो इसे 120 साल पुरानी होना बताते हैं। मस्जिद के गुम्बद की स्थापत्य कला(architecture) को देखने के बाद कहा जाता है कि यह मुगलों के समय में निर्मित गुम्बदों पर आधारित है।

चूंकि इस बार बिहार में मानसूनी बारिश कम हुई है, इसलिए जलाशय सूख गया है। लेकिन जब भी बारिश होगी, ये फिर से डूब जाएगी।

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मस्जिद की डिजाइन और स्ट्रक्चर इतना मजबूत है कि लोग यह देखकर हैरान हैं कि सालों तक पानी में रहने के बाद भी मस्जिद पूरी तरह से ठीक है। उसकी संरचना को कोई नुकसान नहीं हुआ है। बस अंदर कीचड़ भर गया है।

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