असली शिवसेना कौन : उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा , कहा कि अभी बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला कोर्ट में पेंडिंग है

Hearing on the petition seeking disqualification of the rebel Shiv Sena MLAs in the apex court on Wednesday

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

नई दिल्ली। असली शिवसेना को लेकर चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इसे लेकर सोमवार को एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें कहा गया है कि अभी बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला कोर्ट में पेंडिंग है। ऐसे में आयोग यह तय नहीं कर सकता कि असली शिवसेना कौन है।

चुनाव आयोग ने शिंदे गुट और उद्धव गुट से 8 अगस्त तक शिवसेना के अधिकार के दावे दस्तावेज के साथ दाखिल करने के लिए कहा था। इसे ही ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है। याचिका में कहा गया है कि आयोग का यह फैसला असंवैधानिक और जल्दबाजी में लिया गया है।

उद्धव गुट बोला- शिंदे खेमे ने कृत्रिम बहुमत बनाया
याचिका में कहा है कि शिंदे गुट अवैध रूप से संख्या बढ़ाने और संगठन में कृत्रिम बहुमत बनाने की कोशिश कर रहा है। मुद्दा पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है। अगर चुनाव आयोग इस मामले पर आगे बढ़ता है तो यह अपूरणीय क्षति का कारण बनेगा, जो मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन है, उसमें जांच करना न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप के बराबर है। इस तरह ये अदालत की अवमानना के बराबर है।

आयोग ने विरोध की वजह का ब्योरा भी मांगा
चुनाव आयोग ने उद्धव और शिंदे दोनों ही गुटों से पार्टी के अंदर चले रहे विरोध की वजहों का ब्योरा भी लिखित में देने को कहा है। हालांकि शिंदे गुट ने बीते दिनों चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था, जिसमें CM एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने अपने साथ शिवसेना के 40 विधायक और 12 सांसदों के होने का दावा किया।

उद्धव ठाकरे ने पार्टी से भरोसा मांगा
बीते रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा था कि 27 जुलाई को वो 62 साल के हो जाएंगे। इस बार उन्हें अपने जन्मदिन पर गुलदस्ता नहीं चाहिए, लेकिन शिवसेना कार्यकर्ताओं से हलफनामा चाहिए कि वो पार्टी पर भरोसा करते हैं और अधिक से अधिक लोगों को पार्टी के सदस्य के रूप में जोड़ेंगे।

ठाकरे ने कहा कि लड़ाई अब चुनाव आयोग के पास पहुंची है, जिसमें दोनों गुट मूल शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं। हमें न केवल जोश की जरूरत है, बल्कि पार्टी के सदस्यों के रूप में लोगों के ठोस समर्थन और पंजीकरण की भी जरूरत है।

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