सरकार ने बताया पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल वापस लेने की क्या थी वजह, जानें क्या है पूरा मामला
![The government told what was the reason for withdrawing the Personal Data Protection Bill, know what is the whole matter](https://newspoint24.com/static/c1e/client/84309/uploaded/3ca2dcffb712c7a4aabfc63e7f2be03a.png)
Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
नई दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 को वापस लेने का कारण बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य नए कानून को प्रौद्योगिकी परिदृश्य के बराबर लाना है जो तेजी से बदल रहा है। उन्होंने कहा कि संसद की संयुक्त समिति ने एक विधेयक में 81 संशोधनों की सिफारिश की थी जो 99 धाराओं के थे, जिसमें व्यावहारिक रूप से विधेयक को नए सिरे से लिखने का सुझाव था।
संयुक्त संसदीय समिति ने व्यापक कार्य किया, बड़ी संख्या में हितधारकों से परामर्श
वैष्णव ने कहा, संयुक्त संसदीय समिति ने बहुत व्यापक कार्य किया है। उन्होंने बहुत बड़ी संख्या में हितधारकों से परामर्श किया। इसके बाद संसद की संयुक्त समिति ने एक व्यापक रिपोर्ट दी जिसमें एक विधेयक में 81 संशोधनों की सिफारिश की गई थी और जिसमें 99 खंड थे। व्यावहारिक रूप से पूरे बिल को दोबारा लिखा जा रहा है। संशोधनों के अलावा समिति से 12 प्रमुख सुझाव थे। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती तकनीक से निपटने की चुनौतियों के लिए समकालीन और आधुनिक कानूनी ढांचा लाने और पुराने विधेयक को वापस लेना महत्वपूर्ण है।
पुराने बिल को वापस लेना जरूरी था : अश्विनी वैष्णव
उन्होंने कहा कि पुराने बिल को वापस लेना जरूरी था और बहुत जल्द हम एक नया बिल लेकर आएंगे। हमारी पूरी डिजिटल अर्थव्यवस्था और जिस तरह से प्रौद्योगिकी परिदृश्य तेजी से बदल रहा है, हमें एक बहुत ही समकालीन और आधुनिक कानूनी ढांचे की आवश्यकता है। आज दूरसंचार प्राथमिक तरीका है जिसके द्वारा डेटा का उपयोग किया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस पर काम कर रही है और पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल उसी का हिस्सा होगा। इसलिए, कानूनी ढांचे का यह एक पुनर्निर्माण है।
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