गुजरात में भाजपा की रिकॉर्ड जीत के बाद राज्य में अब दलबदल का खेल शुरू , आप का एक और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान
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Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
अहमदाबाद। गुजरात में भाजपा की रिकॉर्ड जीत के बाद राज्य में अब दलबदल का खेल शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के एक और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। हालांकि, उन्होंने पार्टी में शामिल होने से इनकार किया है। चार में से तीन पहले भाजपा में ही थे।
AAP विधायक भूपत भयाणी पहली बार जूनागढ़ जिले के विसावदर सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। वे पहले भाजपा में भी रह चुके हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले ही AAP में शामिल हुए थे। हालांकि मीडिया से बातचीत में भूपत ने भाजपा में शामिल होने से इनकार किया है। भूपत ने कहा कि मैं पार्टी से गद्दारी नहीं करूंगा।
इधर, तीन निर्दलीय विधायकों में से बायड़ से धवल झाला, धानेरा से मावजी देसाई और वाघोड़िया से धर्मेंद्र वाघेला शामिल हैं। झाला और मावजी देसाई भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद चुनाव से ऐन वक्त पहले निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत भी गए। अब उन्होंने भी भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया है।
सोमवार को सपथ लेंगे भूपेंद्र पटेल, पीएम भी आएंगे
गुजरात विधानसभा में 156 सीटों की रिकॉर्ड जीत के बाद सोमवार को सीएम भूपेंद्र पटेल शपथ लेंगे। इस भव्य समारोह में खुद पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होने वाले हैं। पीएम के अलावा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह समेत कई राज्यों के भाजपा सीएम भी मौजूद रहेंगें।
पीएम मोदी ने अपनी कई चुनावी रैलियों में कहा था कि इस बार भाजपा के लिए ऐसा मतदान करें कि नरेंद्र के सारे रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ दें। पीएम की इसी गुहार पर गुजरात की जनता ने भी मुहर लगाई और भाजपा को प्रचंड जीत से नवाजा।
भाजपा 156, कांग्रेस 17, आप ने जीतीं 5 सीटें
गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने रिकॉर्ड 156 सीटें जीती हैं। उसे 2017 के मुकाबले 58 सीटों का फायदा हुआ है। वहीं, कांग्रेस को सबसे ज्यादा 60 सीटों का नुकसान हुआ है। पार्टी ने पिछली बार 77 सीटें जीती थीं। इस बार उसे 17 सीटें ही मिली हैं। आम आदमी पार्टी ने 5 सीटें जीती हैं। निर्दलीय को तीन और सपा को एक सीट पर जीत मिली है।
बीजेपी के दबंग नेता रहे हैं भूपत
विसावदर विधानसभा चुनाव जीतकर AAP के विधायक बने भूपत भयानी की छवि एक दबंग नेता की रही है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर वे AAP में शामिल हो गए थे। इस सीट से भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए हर्षद रिबाडिया को टिकट दिया था। वहीं, कांग्रेस से करशन वडोदरिया मैदान में थे। भूपत का सीधा मुकाबला हर्षद रिबाडिया से था, जिसमें भूपत ने 6 हजार 904 वोटों से उन्हें हराया। भूपत को 65 हजार 675 वोट और हर्षद को 58 हजार 771 वोट मिले हैं। वहीं, तीसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के करशनभाई को 16 हजार 781 वोट मिले।
2007 के बाद विसावदर सीट नहीं जीत पाई भाजपा
विसावदर विधानसभा सीट पर 1995, 1998, 2002 और 2007 के चुनावों में भाजपा जीती। लेकिन 2012 में भाजपा के हाथ से ये सीट फिसल गई और GPP के खाते में चली गई। 2017 के चुनाव में कांग्रेस के हर्षद रिबाडिया ने भाजपा के किरीट पटेल को हराया। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हर्षद भाजपा में शामिल हो गए और चुनाव लड़ा, लेकिन वे AAP के भूपत से हार गए।