विजयादशमी 5 अक्टूबर, बुधवार को, दशहरा पर्व पर दुर्लभ संयोग 6 शुभ योग, जानें, कब से कब तक कौन-सा शुभ योग रहेगा?  

Vijayadashami on Wednesday, October 5, a rare coincidence on the festival of Dussehra 6 auspicious yoga, know, from when till how long will this auspicious yoga remain?
ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी के अनुसार, दशहरे पर शस्त्र व शमी पूजन की परंपरा है। विजयादशमी को साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक माना जाता है इसलिए ये पूरा दिन ही शुभ होता है। इस बार दशहरे पर श्रवण नक्षत्र का योग होने से छत्र के साथ साथ, रवि, सुकर्मा, धृति, हंस और शश योग जैसे राजयोग एक साथ बन रहे हैं। दशहरे पर इतने सारे शुभ योग बनना एक दुर्लभ संयोग है।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 

वाराणसी। धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी यानी दशहरे का पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीराम ने राक्षसों के राजा रावण का वध किया था। तभी से ये पर्व अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जा रहा है। इस बार ये पर्व 5 अक्टूबर, बुधवार को मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार दशहरे पर ग्रहों-नक्षत्रों की स्थिति से कई शुभ योग बनेंगे। आगे जानिए दशहरे पर बनने वाले इन शुभ योगों के बारे में…

6 शुभ योग में मनाया जाएगा दशहरा पर्व
ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी के अनुसार, दशहरे पर शस्त्र व शमी पूजन की परंपरा है। विजयादशमी को साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक माना जाता है इसलिए ये पूरा दिन ही शुभ होता है। इस बार दशहरे पर श्रवण नक्षत्र का योग होने से छत्र के साथ साथ, रवि, सुकर्मा, धृति, हंस और शश योग जैसे राजयोग एक साथ बन रहे हैं। दशहरे पर इतने सारे शुभ योग बनना एक दुर्लभ संयोग है।

जानें, कब से कब तक कौन-सा शुभ योग रहेगा?
ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी के अनुसार, दशहरे पर रवि योग सुबह 06:30 से रात्रि 09:15 तक रहेगा। सुकर्मा योग 4 अक्टूबर की सुबह 11:23 से 5 अक्टूबर सुबह 08:21 तक और धृति योग 5 अक्टूबर सुबह 08:21 से दूसरे दिन 6 अक्टूबर सुबह 05:18 तक बनेंगे। छत्र योग 4 अक्टूबर की रात 10 बजे से 5 अक्टूबर की रात 9 बजे तक रहेगा। अन्य सभी योग दिन भर रहेंगे, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है।

ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति
ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी के अनुसार, 5 अक्टूबर, बुधवार को लग्न में सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह की कन्या राशि में युति बन रही है। एक राशि में तीन ग्रहों की युति होने से त्रिग्रही योग बनेगा। बृहस्पति ग्रह मीन राशि में स्वराशि का होकर बैठा है। शनि मकर राशि में स्वराशि का होकर बैठा है। मेष राशि में राहु और तुला राशि में केतु का गोचर चल रहा है। मंगल वृषभ में और चंद्र मकर में विराजमान रहेंगे। 

5 अक्टूबर को ही दशहरा मनाना श्रेष्ठ
ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी के अनुसार, आश्विन मास की दशमी तिथि 4 अक्टूबर, मंगलवार दोपहर 02.21 से 5 अक्टूबर, बुधवार की दोपहर 12 बजे तक रहेगी। इस पर्व में श्रवण नक्षत्र का विशेष महत्व है जो 5 अक्टूबर को दिन भर रहेगा। इसलिए विजयादशमी का पर्व इसी दिन मनाना श्रेष्ठ रहेगा। जैसा कि धर्म सिंधु में कहा है -

दिनद्वयेऽपराह्नव्याप्त्य व्याप्त्योरेकतरदिने श्रवणयोगे यद्दिने श्रवणयोगः सैवग्राह्या॥ 


अर्थ- दोनों दिन दशमी अपराह्नकाल में हो अथवा न हो परन्तु जिस दिन श्रवण नक्षत्र विद्यमान हो उसी दिन विजया दशमी मान्य रहेगी। 

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