आज का पंचांग बृहस्पतिवार 16 जून 2022 आषाढ़ कृष्ण पक्ष, द्वितीया सूर्योदय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में , विजय मुहूर्त दोपहर में 02:16 दोपहर से     

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बृहस्पतिवार 16 जून 2022, दिन गुरुवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो दोपहर लगभग 4 बजे तक रहेगा, इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।

गुरुवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से धाता और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से सौम्य नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 2:08 से 3:48 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग बृहस्पतिवार 16 जून 2022  

गुरुवार का व्रत करने से दूर होंते हैं गुरु ग्रह के दोष
हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को अलग-अलग ग्रहों ओर देवताओं से जोड़ा गया है। उसी प्रकार गुरुवार के देवता भगवान विष्णु और ग्रह बृहस्पति है, जिसे गुरु ग्रह भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह अनुकूल न हो तो विवाह व शिक्षा संबंधी मामलों में समस्याएं आती हैं। ऐसा होने पर लोगों को गुरुवार का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परेशानियां भी दूर होती हैं। इस दिन पीली चीजें जैसे केले, आम, पीले रंग की मिठाई, पीले वस्त्र आदि का दान करने से भी भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। 

बृहस्पतिवार 16 जून 2022 
बृहस्पतिवार 16 जून 2022, दिन गुरुवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो दोपहर लगभग 4 बजे तक रहेगा, इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से धाता और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से सौम्य नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 2:08 से 3:48 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
गुरुवार की रात चंद्रमा धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्य मिथुन राशि में, बुध वृषभ राशि में, राहु और शुक्र मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल व गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

बृहस्पतिवार 16 जून 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- गुरुवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 05:07 प्रातः 
सूर्यास्त - 06:50 सायं 
चन्द्रोदय - 09:07 रात्रि 
चन्द्रास्त -  06:43 प्रातः 
अभिजीत मुहूर्त - 12:00 दोपहर से 12:54 दोपहर
चन्द्र राशि    धनु - 05:55 सायं तक उपरांत मकर
सूर्य राशि    मिथुन

बृहस्पतिवार 16 जून 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल दोपहर 2:08 से 3:48 तक 
यम गण्ड - 5:44 प्रातः  – 7:25 प्रातः 
कुलिक - 9:06 प्रातः – 10:46 प्रातः
दुर्मुहूर्त - 10:13 प्रातः – 11:07 प्रातः और 03:35 दोपहर – 04:28 दोपहर
वर्ज्यम् - 07:43 रात्रि  – 09:08 रात्रि

निवास और शूल
होमाहुति    मंगल
दिशा शूल    दक्षिण
अग्निवास    पृथ्वी
चन्द्र वास    पूर्व - 05:55 सायं तक उपरांत दक्षिण - 05:55 सायं से पूर्ण रात्रि तक 
भद्रावास    पाताल - 07:55 रात्रि से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास    दक्षिण
शिववास    सभा में - 09:44 प्रातः तक उपरांत क्रीड़ा में

आकाश मंडल का 20वां नक्षत्र है पूर्वाषाढ़ा, शुक्र है इसका स्वामी
पूर्वाषाढ़ा आकाश मंडल का 20वाँ नक्षत्र है। यह धनु राशि के अंतर्गत आता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक है और राशि स्वामी शुक्र। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र दो तारों से मिलकर बना है। पूर्वाषाढ़ा का अर्थ होता है अपराजेय जिसे जीत पाना असंभव हो। इस नक्षत्र में जन्में लोग महत्वाकांक्षी, ईमानदार, दया भाव वाले, राजनीतिक, प्रशासनिक संगठन आदि से जुड़े हुए होते हैं। ये लोग दिखने में सुदंर और कलाकार भी हो सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग उत्साही होते हैं। साथ ही यह कर्मठ और पराक्रमी भी होते हैं। यदि इनको कोई काम बताया जाए तो यह मेहनत के साथ करते हैं।

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