उप्र सरकार के सेवानिवृत्त राजकीय सेवकों की समस्या समाधान को दिसम्बर में लगेगी पेंशन अदालत

उप्र सरकार के सेवानिवृत्त राजकीय सेवकों की समस्या समाधान को दिसम्बर में लगेगी पेंशन अदालत

Newspoint24/ संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ 

कानपुर । उप्र. सरकार के सेवानिवृत्त/मृत राजकीय सेवकों के सेवानैवृत्तिक लाभों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए दिसम्बर माह में पेंशन अदालत का आयोजन किया जाएगा। इस सम्बंध में अपर निदेशक/संयोजक, पेंशन अदालत, कोषागार एवं पेंशन, कानपुर मण्डल अजय जौहरी ने बुधवार को जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि समस्या समाधान के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कानपुर मण्डल की तृतीय पेंशन अदालत (77वीं) का आयोजन माह दिसम्बर, 2021 के चतुर्थ सप्ताह में किया जाना प्रस्तावित है।

इसको लेकर कानपुर मण्डल के सभी जनपदों से ऐसे सेवानिवृत्त अथवा मृत राजकीय सेवकों के आश्रितों से अपेक्षा है कि वह निम्नवत प्रारूप पर अपना वाद पत्र तीन प्रतियों में पंजीकृत डाक से अपर निदेशक, कोषागार एवं पेंशन, कलेक्ट्रेट कम्पाउण्ड, कानपुर मण्डल, कानपुर को ऐसे भेजें कि वह 30 नवम्बर, 2021 तक प्राप्त हो जाये।

उक्त तिथि के बाद प्राप्त वाद पत्रों को पेंशन अदालत में नहीं रखा जायेगा।

उन्होंने बताया है कि वादी से यह भी अपेक्षित है कि अपने वाद पत्र की एक प्रति अपने संबंधित कार्यालयाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष जहां अन्तिम तैनाती के समय कार्यरत थे, को अनिवार्य रूप से उपलब्ध करा दें।

यह भी पढ़ें : 

हीरक जयंती समारोह की तैयारियां पूरी,राज्यपाल सहित कई मंत्री करेंगे शिरकत

पेंशन अदालत में किसी न्यायालय/शासन द्वारा निर्णीत मामले तथा किसी माननीय न्यायालय/शासन स्तर पर विचाराधीन एवं नीतिगत मामलों से संबंधित वाद पत्र पर विचार नहीं किया जायेगा। पेंशन अदालत में केवल पूर्णतः राजकीय कार्मिकों के प्रकरण ही स्वीकार किये जायेंगे।

उन्होंने बताया कि पेंशन अदालत के आवेदन पत्र में प्रार्थी का नाम (पदनाम सहित), पिता/पति का नाम, कार्यालय जहां से सेवानिवृत्त हुये हैं, विभागाध्यक्ष का नाम, जन्म तिथि, सेवा में आने की तिथि, मृत्यु/से०नि० तिथि, कार्यालयाध्यक्ष को पेंशन स्वीकृति/पुनरीक्षण हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की तिथि (साक्ष्य सहित), कार्यालयाध्यक्ष द्वारा प्रकरण पेंशन स्वीकर्ता अधिकारी को भेजे जाने की तिथि, पेंशन स्वीकर्ता अधिकारी द्वारा आपत्ति का विवरण यदि कोई उठाया गया हो (प्रति संलग्न करें), यदि आपत्ति का उत्तर भेजा गया हो, तो विवरण दें (प्रति भी संलग्न करें), पेंशन अदालत से जो राहत चाहते हों, उसका विवरण औचित्य सहित दें, पत्र व्यवहार का पता (पिन कोड सहित), कोषागार का नाम जहां से पेंशन प्राप्त करते हों, अथवा चाहते हो।

अपर निदेशक/संयोजक, पेंशन अदालत, कोषागार एवं पेंशन, कानपुर मण्डल, कानपुर ने बताया है कि नीतिगत मामले अदालत में नहीं सुने जायेंगे कानूनी मामले जैसे उत्तराधिकारी/संरक्षक प्रमाण पत्र के विवाद एवं कोर्ट केसेज से संबंधित मामले आदि पेंशन अदालत में नहीं उठाये जायेंगे।

इसके अतिरिक्त यदि किसी मामले में शासन स्तर पर विभागीय मंत्री के अनुमोदन से निर्णय हो चुका है एवं संविदा मामले भी नहीं सुने जायेगें। न्यायालय में विचाराधीन मामले भी तब तक ग्राहय नहीं होंगे, जब तक कि याची द्वारा शपथ पत्र के साथ यह घोषणा न की जाये कि वह न्यायालय से बाहर समझौता चाहता है तथा अपना वाद वापस लेने के लिए सहमत है।

Share this story