भारत में कपिल से बड़ा मैच विजेता खिलाड़ी नहीं हुआ : गावस्कर

भारत में कपिल से बड़ा मैच विजेता खिलाड़ी नहीं हुआ : गावस्कर

Newspoint24.com/newsdesk

मुंबई | भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने विश्व विजेता कप्तान कपिल देव की जमकर तारीफ की है और भारतीय टीम में उनके साथ बिताए गए समय को याद किया। गावस्कर ने कहा है कि भारत में कपिल से बड़ा मैच विजेता खिलाड़ी नहीं हुआ।

‘मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि मेरे विचार से भारत ने जितने भी क्रिकेटर पैदा किए हैं, कपिल उनमें सबसे महान और मैच विजेता हैं, क्योंकि वह आपको बल्ले और गेंद दोनों से मैच जिता सकते थे। मुझे याद है कि मैं उनके खिलाफ पहली बार 1978 में चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में विल्स ट्रॉफी मैच में खेला था। हम ऑस्ट्रेलिया के दौरे से लौटे थे। कपिल एवं एक और प्रतिभाशाली ऑलराउंडर राजेंद्र जडेजा ने मुंबई के खिलाफ जीवंत पिच पर गेंदबाजी की शुरुआत की थी।”

भारत में कपिल से बड़ा मैच विजेता खिलाड़ी नहीं हुआ : गावस्कर

उन्होंने कहा, “कपिल अच्छी आउटस्विंग गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन गेंदबाजी क्रीज के थोड़ी बाहर से, इसलिए मैं उनकी गेंदों को आसानी से छोड़ पा रहा था। जब मैं उनके छोर की ओर पहुंचा तो मैंने सुझाव दिया कि उन्हें स्टंप के करीब जाकर गेंदबाजी करनी चाहिए और इससे उनकी उन्हीं गेंदों को खेलना मुश्किल हो जाएगा। उनके साथी यह सोचकर उनके पास पहुंच गए कि मैं उन्हें स्लेज कर रहा हूं, लेकिन उन्होंने सबको दूर भगा दिया। उन्होंने अगले ओवर से स्टंप्स के करीब से गेंदबाजी शुरू की और मुंबई के सभी बल्लेबाजों को परेशान किया।”

भारत में कपिल से बड़ा मैच विजेता खिलाड़ी नहीं हुआ : गावस्कर

गावस्कर ने आगे कहा, “यह पहला मौका था जब मैं उनसे पहली बार मिला था। हम दोनों एक दूसरे के खिलाफ खेल रहे थे लेकिन इसके बावजूद मैंने उनकी मदद की। मैंने पहले ही मैच में उनकी मदद की, यह बात उनके दिमाग में रही शायद इसीलिए उन्होंने मेरा हमेशा सम्मान किया।”

गावस्कर ने साथ ही बताया कि किसी तरह बोर्ड के कुछ अधिकारियों और क्रिकेटरों ने इन दोनों के बीच में खटास पैदा करने की कोशिश की।

दाएं हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, “बोर्ड के कुछ अधिकारियों और उसी समय रिटायर हुए कुछ खिलाड़ियों ने मीडिया के साथियों के साथ हमारे बीच गलतफहमी पैदा करने की कोशिश की, लेकिन हम दोनों भारतीय क्रिकेट के लिए प्रतिबद्ध थे और हमने उसका असर अपने खेल पर नहीं पड़ने दिया।”

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