हेल्थ मिनिस्ट्री और इलेक्शन कमीशन के बीच 5 चुनावी राज्यों को लेकर बैठक हुई, चुनाव होंगे या नहीं अंतिम निर्णय जनवरी के पहले हफ्ते में  

There was a meeting between the Health Ministry and the Election Commission regarding 5 electoral states, whether elections will be held or not, the final decision will be taken in the first week of January

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई।

 बैठक में हेल्थ मिनिस्ट्री और चुनाव आयोग के बीच चुनावी राज्यों में कोरोना के मामलों और वैक्सीनेशन को लेकर चर्चा हुई।

  स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण कोरोना की स्थिति को लेकर चुनाव आयोग क़ो एक रिपोर्ट भी सौंपी ।  बैठक के बाद आयोग ने

केंद्र की मोदी सरकार ने कहा वह चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन की गति बढ़ाएं, ताकि चुनाव के समय तक अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लग गई हो।  

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ


 नई दिल्ली। देश में कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन तेजी से पैर पसार रहा है।  ओमीक्रोन ने केंद्र और राज्य सरकारों को चिंता बढ़ा दी है।  इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत 5 चुनावी राज्यों में टीकाकरण , राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर चुनाव आयोग  को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई।  बैठक में हेल्थ मिनिस्ट्री और चुनाव आयोग के बीच चुनावी राज्यों में कोरोना के मामलों और वैक्सीनेशन को लेकर चर्चा हुई।   स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण कोरोना की स्थिति को लेकर चुनाव आयोग क़ो एक रिपोर्ट भी सौंपी ।  बैठक के बाद आयोग ने केंद्र की मोदी सरकार ने कहा वह चुनावी राज्यों में वैक्सीनेशन की गति बढ़ाएं, ताकि चुनाव के समय तक अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लग गई हो।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्थ मिनिस्ट्री और इलेक्शन कमीशन के बीच जनवरी के पहले हफ्ते में एक बार फिर से बैठक होगी।  इस बैठक में चुनाव टाले जाएंगे या नहीं, इस पर अंतिम निर्णय हो सकता है। 
गौरतलब है कि 2022 में उत्तर प्रदेश पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने है।  

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की थी चुनाव टालने की अपील
बता दें कि पिछले दिनों भीड़ जुटने के चलते कोरोना फैलने के खतरे को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट  ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव टालने की अपील की थी। जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा था, 'यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोरोना की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाए। उनसे कहा जाए कि वे चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, क्योंकि जान है तो जहान है।' 

गौरतलब कोर्ट ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे विशाल जनसंख्या वाले देश में फ्री वैक्सीनेशन अभियान चलाया है, यह प्रशंसनीय है। पीएम से अपील है कि वे कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए चुनावी रैली, सभाएं और चुनाव रोकने या टालने के बारे में विचार करें। उत्तर प्रदेश के ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल के विधानसभा के चुनाव में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई थी। कोरोना की दूसरी लहर में काफी लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव निकट है। इसके लिए राजनीतिक दल रैली व सभाओं में लाखों लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं। कोविड-19 नियम का पालन कहीं नहीं हो रहा है। इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह हो सकता है।

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