मेहुल चोकसी ने बांबे हाईकोर्ट से भगोड़ा घोषित न करने के लिए लगाई गुहार 

Mehul Choksi appeals to Bombay High Court not to declare him a fugitive

ईडी ने 2019 में पीएमएलए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था।

इसमें चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने की मांग की गई थी।

उसकी संपत्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया गया था। 

Newspoint24/ एजेंसी इनपुट के साथ 


मुंबई। मेहुल चोकसी ने बांबे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर  देकर गुहार लगाई है कि उसे आर्थिक भगोड़ा घोषित न किया जाए। चोकसी ने कहा कि उसे भगोड़ा घोषित नहीं किया जा सकता, क्योंकि जब उसने भारत छोड़ा तब उस पर कोई केस दर्ज नहीं था। उसका कहना है कि इससे उसकी साख पर असर पड़ेगा। उसके लिए कारोबार करना मुश्किल होगा।

गौरतलब है कि ईडी ने 2019 में पीएमएलए अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। इसमें चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करने की मांग की गई थी। उसकी संपत्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के प्रावधानों के तहत जब्त कर लिया गया था। चोकसी ने ईडी के आवेदन को खारिज करने की मांग करते हुए बांबे हाईकोर्ट का रुख किया। उसने विशेष अदालत में उन लोगों से बहस करने की अनुमति भी मांगी थी, जिनके बयानों पर ईडी उसको भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की मांग कर रही थी।

बता दें कि बांबे हाईकोर्ट ने फ़िलहाल विशेष पीएमएलए अदालत को ईडी की याचिका में अंतिम आदेश देने से रोक दिया। चोकसी के एडवोकेट विजय अग्रवाल ने कहा कि उन्हें मामले में संक्षिप्त जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए, जिसके बाद कोर्ट ने आदेश को आगे बढ़ा दिया था। अदालत ने चोकसी को दो सप्ताह के भीतर इसे दाखिल करने का निर्देश दिया था। अब ईडी ने फिर से चोकसी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है।

ईडी का एक्ट कहता है कि 100 करोड़ से ज्यादा के आर्थिक अपराध के मामले में आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है 

जानकारों का मानना है कि ईडी का एक्ट कहता है कि 100 करोड़ से ज्यादा के आर्थिक अपराध के मामले में अगर किसी के खिलाफ वारंट जारी हुआ है तो उसे उस स्थिति में आर्थिक अपराधी घोषित किया जा सकता है जब आरोपी ने देश छोड़ दिया हो और वह वापस लौटने में आनाकानी कर रहा हो। मेहुल पर पंजाब नेशनल बैंक के 14 हजार करोड़ से ज्यादा लोन को हड़पने का आरोप है। फिलहाल वह एंटीगुआ में रह रहा है।

अर्सा पहले वह किडनैपिंग के मामले के लेकर सुर्खियों में आया था। तब उम्मीद बंधी थी कि उसे भारत वापस लाना आसान होगा लेकिन कानूनी दांवपेंच से वह बच निकला। इससे पहले जुलाई में उसने कहा था कि उसे डोमेनिका की कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। वह अपने इलाज के लिए एंटीगुआ और बरमूडा में आ-जा सकता है।

चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस एसके शिंदे की सिंगल बेंच को बताया कि भारतीय अधिकारियों के सामने डोमेनिका कोर्ट ने इलाज के लिए आदेश पारित किया था। उनका कहना था कि चोकसी भारत आने से बच नहीं रहा है बल्कि वह बीमारी के चलते ऐसा नहीं कर पा रहा है। ईडी की तरफ से पेश वकील हितेन वेंगोकर ने दलील दी कि चोकसी की याचिका पर विचार न किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को तय की गई है।

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