सपा के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंग रेप मामले में आजीवन कारावास 

Former SP minister Gayatri Prasad Prajapati gets life imprisonment in gang rape case
पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के थे ,आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।  कोर्ट ने इसके साथ प्रजापति पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

Newspoint24/newsdesk /एजेंसी इनपुट के साथ 

पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के थे ,आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।  कोर्ट ने इसके साथ उनपर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति  को चित्रकूट  की रहने वाली नाबालिग लड़की के साथ गैंग रेप मामले  में आजीवन कारावास  की सजा सुनाई गई। गायत्री के साथ दो अन्य आरोपी आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति 18 मार्च 2017 में गिरफ्तार हुए थे। ये सभी लोग चित्रकूट की महिला व उसकी नाबालिक बेटी के साथ गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार हुए थे। असल में इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी थी और दो दिन पहले ही कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए आज की तारीख तय की थी। गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट के तहत एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने इसके साथ उनपर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।


मामले में चार आरोपियों को किया गया बरी
मामले में बीते दिनों कोर्ट ने चार आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है और चारों आरोपी जिला जेल से रिहा हो गए हैं। गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष कुमार शुक्ला को महिला की नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप करने और महिला के साथ छेड़ाछड़ का दोषी पाया है।

जानें क्या है पूरा मामला
राज्य में समाजवादी सरकार में जब गायत्री प्रजापति कैबिनेट मंत्री थे, तब चित्रकूट की एक महिला ने गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों पर अपनी नाबालिग बेटे के साथ रेप का आरोप गया। हालांकि उस वक्त ये मामला लखनऊ में घटित हुआ था। पुलिस ने लखनऊ में काफी प्रयासों के बाद मामला दर्ज किया। हालांकि गायत्री और उनके गुर्गों ने महिला और उसकी बेटी पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाया। लेकिन सफल नहीं हुए।

दरअसल गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ ही विकास वर्मा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह ने अप्रैल 2017 में तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश ओपी मिश्रा के समक्ष जमानत के लिए आवेदन किया था, जहां अदालत ने तीनों आरोपियों को जमानत दे दी। लेकिन इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने जमानत रद्द करने के लिए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष आवेदन दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया। जिसके बाद इस मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के चार सहयोगियों को गुरुवार रात जेल से रिहा कर दिया गया।
 

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