100 साल पहले भी महामारी के दौरान तानाशाही ताकतों का रवैया आज ही जैसा था : रामेश्वर
Newspoint24.com/newsdesk/
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता एम तौसीफ ने बताया कि अखिल भारतीय कांग्रेस की ओर से देश की धरोहर का 14वां श्रृंखला आज जारी हुआ है। इसमें महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के बाद अहमदाबाद में सूती वस्त्र के मशहूर मिल अंग्रेज मालिकों और मजदूरों के बीच एक संघर्ष पर यह आधारित एपिसोड है।कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त व खाद आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है कि गांधी के चंपारण सत्याग्रह के बाद अहमदाबाद में सूती वस्त्र के मील मालिक और मजदूरों में उस वक्त संघर्ष उत्पन्न हुआ जब 1917 में पलैग जैसी महामारी फैला हुआ था। मील मालिकों ने मजदूरों का बोनस देना बंद कर दिया था। मजदूर 50 प्रतिशत भत्ते के लिए संघर्ष कर रहे थे। मजदूरों का साथ देने के लिए गांधी ने इस आंदोलन का अगुवाई किया। महात्मा गांधी का यह भारत में चंपारण के बाद यह दूसरा आंदोलन था। गांधी ने मजदूरों से बात कर 35 प्रतिशत भत्ता देने के लिए अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन शांति पूर्वक छेड़ दिया। गांधी का यह आंदोलन पहला भूख हड़ताल आंदोलन था। यह लगभग 25 दिन तक आंदोलन चला।
आखिरकार 35 प्रतिशत भत्ते पर मजदूर और अंग्रेज मालिक दोनों मान गए और आंदोलन समाप्त हुआ। उरांव ने कहा कि आज से लगभग 100 साल पहले भी महामारी के दौरान तानाशाही ताकतों का रवैया आज ही जैसा था। तब गांधी के नेतृत्व में मजदूर ब्रिटिश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर करा दिया। मजदूर किसान वाली एकता आज भी जिंदा है। जिस तरह से आज केंद्र सरकार कोरोना की आड़ में किसानों के खिलाफ कानून बनाया है। उसे देश के किसान माफ उसी तरह नहीं करेंगे। देश के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर गया है।
हर वर्ग का किसानों को साथ मिल रहा है। इस मजबूती के आगे केंद्र सरकार को घुटने टेक ने ही होंगे। सरकार बेहतर पॉलिसी से चलती है ना कि तानाशाही रवैया से। केंद्र सरकार की तानाशाही रवैया पिछले कई सालों से देश की जनता देख रही है। देश की जनता 100 साल पहले भी दमनकारी पॉलिसी को बर्दाश्त नहीं किया था और आज भी किसान विरोधी कानून को बर्दाश्त नहीं करेगी। कांग्रेस हमेशा से गरीब मजदूर किसान के साथ कदम से कदम मिलाकर उनके संघर्षों में शामिल रही है। आज भी किसान विरोधी बिल के खिलाफ कांग्रेस पार्टी पूरी ताकत के साथ पूरे देश में आंदोलन कर रहे किसानों का आंदोलन को गरीब मजदूर नौजवान महिलाएं सभी का समर्थन हासिल है।कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि ब्रिटिश हुकूमत ने हमारे देश में हुकूमत के दौरान ना जाने कितने किसानों मजदूरों को सताया है। इसका अंदाजा लगाना बहुत कठिन है। उन्होंने कहा कि देश की आज की हालात भी ब्रिटिश शासन की तरह ही है जब पार्लियामेंट शुरू होता है सदन में महत्वपूर्ण बिल लाकर बगैर चर्चा किए हुए अपनी हठधर्मिता से सदन में बिल को यह सरकार पास करा लेती है जो घोर निंदनीय है लेकिन इस सरकार को किसानों, मजदूरों व नौजवानों के आगे झुकना पड़ेगा।