त्रिपुरा में हुई हिंसा की आंच महाराष्ट्र पहुंची तीन शहरों में उपद्रव हिंसा और आगजनी,एडिशनल एसपी समेत 7 पुलिसकर्मी घायल

Violence in Tripura reached Maharashtra, violence and arson in three cities, 7 policemen including Additional SP injured

अमरावती में प्रदर्शन के दौरान 20 से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ की गई है।

मौके पर 5 से 6 हजार लोगों की भीड़ मौजूद थी और पुलिस बल भी मौजूद था ।

एक समुदाय के दो धड़ों में हुए पथराव के बाद पूरे शहर में तनाव बढ़ गया है। कई गाड़ियों पर भी पथराव किया गया है।

Newspoint24/newsdesk /एजेंसी इनपुट के साथ 


मालेगांव। महाराष्ट्र के नांदेड़ और मालेगांव में बंद के बीच हिंसक झड़प और आगजनी की घटना में  एडिशनल एसपी , एक इंस्पेक्टर समेत 7 लोग घायल हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस की गाड़ी पर भी पथराव किया गया है। अमरावती में प्रदर्शन के दौरान 20 से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ की गई है।   मौके पर 5 से 6 हजार लोगों की भीड़ मौजूद थी और पुलिस बल भी मौजूद था । एक समुदाय के दो धड़ों में हुए पथराव के बाद पूरे शहर में तनाव बढ़ गया है। कई गाड़ियों पर भी पथराव किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ मालेगांव में एक खास समुदाय द्वारा प्रदर्शन किया गया था और इस दौरान लोग आपस में भिड़ गए।  हिंसा के बाद बाजारों को बंद कर दिया गया। पुलिस ने लोगों को उनके घरों में ही रहने की हिदायत दी है। 


पुलिस ने लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी

मालेगांव में हिंसा के बाद बाजार बंद करा दिए गए हैं। पुलिस ने लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी है। अब्दुल हमीद चौक पर हजारों की संख्या में समुदाय विशेष के लोग उतरे थे। एक ही समुदाय के दो ग्रुप में हुई बहस के बाद हिंसा फैली। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में मालेगांव में प्रदर्शन हो रहा था और उसी प्रदर्शन के दौरान लोग आपस में भिड़ गए।

हाल ही में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की खबरों के बाद त्रिपुरा में आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। गौरतलब है कि पड़ोसी बांग्लादेश में साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली गयी रैली के दौरान 26 अक्टूबर को चमटीला में कथित तौर पर एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गयी और दो दुकानों में आग लगा दी गई थी।

वहीं निकट के रोवा बाजार में भी उन तीन घरों और कुछ दुकानों को भी क्षति पहुंचाई गई थी, जिसका स्वामित्व कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले व्यक्ति के पास है।

त्रिपुरा में अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों के खिलाफ कथित हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर उच्चतम न्यायालय के वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत 102 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

इंडियन वूमंस प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने त्रिपुरा में एक पत्रकार और अन्य पर कथित तौर पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किये जाने को लेकर सोमवार को राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए कहा था कि यह मीडिया को डराने व खामोश करने की कोशिश है। साथ ही, मामला फौरन वापस लिये जाने की भी मांग की थी।

गौरतलब है कि त्रिपुरा पुलिस ने बीते शनिवार को 102 सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के खिलाफ यूएपीए, आपराधिक साजिश रचने और फर्जीवाड़ा करने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। इसके अलावा, ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनके अकाउंट को बंद करने तथा उन लोगों की सभी सामग्री से अवगत कराने को कहा था।

उल्लेखनीय है कि इससे ठीक पहले त्रिपुरा पुलिस ने उच्चतम न्यायालय के चार वकीलों के खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया था। यह मामला , राज्य में मुसलमानों को निशाना बना कर हुई हालिया हिंसा पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सामाजिक वैमनस्य को कथित तौर पर बढ़ावा देने को लेकर दर्ज किया गया था।

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