लखीमपुर हिंसा में मारे गए 4 किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये देगी यूपी सरकार हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जांच करेंगे

Newspoint 24 / newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ
किसानों की शिकायत पर FIR दर्ज की जाएगी
8 दिन में आरोपियों को अरेस्ट करने का वादा
CRPC की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया
किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की इजाजत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए चार किसानों के परिजनों को 45 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। बकि घायलों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही पीड़ितों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी।
यूपी सरकार ने कहा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में भी न्यायिक जांच कराई हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाएगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा कि , “कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे।'
प्रशांत कुमार ने यह भी कहा कि किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मामले की जांच करेंगे।
प्रशांत कुमार ने कहा, “राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा करने की अनुमति नहीं है क्योंकि सीआरपीसी की धारा 144 लागू है। हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है।”
गौरतलब है कि रविवार को लखीमपुर खीरी में किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं दौरान हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसक घटना के मद्देनजर दिल्ली में सोमवार को सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है।
किसानों के धरना-प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस बलों की संख्या बढ़ाई गई
राष्ट्रीय राजधानी के गाजियाबाद, सिंघु और टिकरी बॉर्डरों पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसानों के धरना-प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश के सभी मार्गों पर पुलिस बैरिकेडिंग कर आवश्यक जांच कर रही है।
इसकी वजह उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर कई-कई स्थानों पर लोगों को घंटों यातायात जाम का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली पुलिस ने अचानक लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या नौ और 24 के बंद किए जाने के संबंध में ट्विटर पर जानकारी दी तथा राहगीरों को वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की सलाह। अचानक आए इन दिशा निर्देशों की वजह से गाजियाबाद और नोएडा की ओर से दिल्ली के विभिन्न भागों में अपने कार्यालयों और अन्य कामों पर आने वाले लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
करीब सवा 12 बजे हालांकि दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्विटर पर जानकारी दी कि जिन दो मार्गों पर आवाजाही रोकी गई थी, उन्हें खोल दिया गया है और अब इस इलाके में यातायात सामान्य हो रही है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग 24 और नौ का इस्तेमाल नहीं करनी की सलाह दी थी। एहतियातन यातायात रोकने और जगह-जगह सुरक्षा जांच के कारण आनंद विहार , चिल्ला, डीएनडी फ्लाईओवर आदि क्षेत्रों में हजारों लोग जहां-तहां तक सड़कों पर काफी समय तक फंसे रहे।
उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं किसानों ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्या का उनके एक कार्यक्रम में आने से पहले ही विरोध शुरू कर दिया था। जो बाद में हिंसक हो गया। आंदोलनकारी किसानों ने हेलीपैड पर कथित रूप से कब्जा कर लिया था।
इसके बाद आरोप है कि केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र ने अपने वाहन से सड़क पर विरोध कर रहे हैं किसानों कुचल दिया था जिससे चार लोगों की मृत्यु हो गई थी। हालांकि, श्री मिश्र ने किसानों के आरोपों का खंडन किया है। उनका आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के तीन सदस्य सदस्यों और एक वाहन चालक पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया। जिससे उनकी मौत हो गई किसानों के आंदोलन में शामिल कुछ उपद्रवियों ने उनकी कई गाड़ियों को निशाना बनाया। तोड़फोड़ कर उसे आग के हवाले कर दिया था।
अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त कर उनके पुत्र को गिरफ्तार करे सरकार : कांग्रेस
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त कर उनके पुत्र को गिरफ्तार करने की मांग की है।
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल कार्रवाई करने और श्री मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा को किसानों से मिलने से रोकना गलत है। उनको पीड़ित परिवारों से मिलने की इजाजत देने की बजाय अवैध तरीके से हिरासत में लिया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र में राजनेता को कहीं भी जाने की इजाजत होनी चाहिए। केंद्र में जब उनकी सरकार थी तो विपक्ष के सभी राजनेताओं को कहीं भी जाने की छूट थी लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार नेताओं की घेराबंदी कर रही है जो कि गलत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से किसानों के साथ खड़ी है और उनके अधिकारों की लड़ाई में मंगलवार को जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देशव्यापी आंदोलन चलाएगी और जिला अधिकारियों के कार्यालय के सामने प्रदर्शन करेगी।