लोकसभा में कृषि कानूनों की वापसी का बिल पास ,विपक्ष चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करता रहा 

The bill for the withdrawal of agricultural laws was passed in the Lok Sabha, the opposition continued to create a ruckus on the demand for discussion.
विपक्ष जहां, चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहा, वहीं हंगामे के बीच ही बिल को
सदन ने पास कर दिया।  शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने कहा था कि केंद्र सरकार हर विषय पर खुली चर्चा करने के लिए और हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।
Newspoint24/ संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ     

कृषि कानूनों की वापसी को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तरफ से पेश किया गया बिल लोकसभा में पास कर दिया गया।  विपक्ष जहां, चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहा, वहीं हंगामे के बीच ही बिल को सदन ने पास कर दिया।

 शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि केंद्र सरकार हर विषय पर खुली चर्चा करने के लिए और हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है।

सरकार ने विपक्ष से इस बिल को बिना किसी चर्चा के पास कराने की बात कही। वहीं चर्चा की मांग पर अड़ा विपक्ष सस्ते में इस मुद्दे को जाने देने के मूड में बिल्कुल नहीं दिखा। 

लोकसभी की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में विपक्ष ने कहा कि अगर चर्चा नहीं हुई तो संसद नहीं चलने देंगे, जिसपर सरकार ने कहा कि हम कानून खत्म कर रहे हैं तो फिर चर्चा की क्या जरूरत है।

शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष ने कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा में विपक्ष बंट गया।

 कांग्रेस और टीएमसी ने 3 कृषि कानूनों को रद्द करने वाले बिल पर चर्चा की मांग की।  हालांकि केंद्र सरकार इस बिल पर चर्चा के बजाए, सीधे पेश और ध्वनिमत से पास करवाने पर कायम रही। 


 



बंटा विपक्ष नहीं करा पाया चर्चा
हालांकि विपक्षी दलों में से मायावती के नेतृत्व वाली बीएसपी और बीजू जनता दल के नेता सरकार के तर्क के पक्ष में रहे।

इन नेताओं ने कहा है कि कृषि कानूनों को रद्द करने वाले बिल पर चर्चा की बजाय इसे जल्द पास कर दिया जाना चाहिए।

हालांकि ज्यादातर दल बिल पर चर्चा की मांग कर रहे थे। इसी के चलते संसद के दोनों सदनों ने जमकर हंगामा भी हुआ।  

संसद में सवाल भी हों, संसद में शांति भी हो
सत्र के शुरू होनवे से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, यह संसद सत्र विचारों की समृद्धि और दूरगामी प्रभाव पैदा करने वाला बने।

आजादी के अमृत महोत्सव में हम ये भी चाहेंगे कि संसद में सवाल भी हो, संसद में शांति भी हो।

 सरकार की नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, अध्यक्ष की गरिमा के विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में देश की युवा पीढ़ी के काम आए । 

एमएसपी भी एक बीमारी है : राकेश टिकैत 


लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जिन 700 किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है।

एमएसपी भी एक बीमारी है। सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है। आंदोलन जारी रहेगा।

 

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