कश्मीर में आतंकवादियों ने तीन अलग अलग जगहों पर तीन नागरिकों की हत्या की 

कश्मीर में आतंकवादियों ने श्रीनगर में कश्मीरी पंडित की , लालबाजार में बिहार के नागरिक की , बांदीपोरा में एक नागरिक की हत्या की

Newspoint 24 / newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ 

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने मंगलवार को तीन अलग-अलग घटनाओं में एक प्रमुख कश्मीरी पंडित व्यवसायी और बिहार के एक फेरीवाले सहित तीन नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी।

पुलिस ने बताया कि अज्ञात आतंकवादियों ने श्रीनगर में मशहूर बिंद्रू मेडिकेट्स के मालिक माखन लाल बिंद्रू की गोली मारकर हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि बंदूकधारियों ने कश्मीरी पंडित श्री बिंद्रू को श्रीनगर में इकबाल पार्क स्थित उनकी फार्मेसी के अंदर गोली मार दी। हमले में श्री बिंद्रू गंभीर रूप से घायल हो गये। उन्हें एसएचएमएस अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि गोलीबारी के कारण उत्पन्न अफरा तफरी के बीच बंदूकधारी भागने में सफल रहे।

अधिकारी ने बताया कि शहर के मदीना चौक लालबाजार के पास आतंकवादियों ने बिहार के एक व्यक्ति को भी मार गिराया। मृतक की पहचान बिहार के भागलपुर निवासी वीरेंद्र पासवान के रूप में की गयी है। सड़क पर फेरी लगाने वाला वीरेंद्र इस समय आलमगरी बाजार जदीबल में रह रहा था।

बांदीपोरा के शाहगुंड इलाके में आतंकवादियों ने एक नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी। उसकी पहचान नैदखाई निवासी मोहम्मद शफी लोन के रूप में की गयी है।

पुलिस ने बताया कि अतिरिक्त सुरक्षा बलों को क्षेत्रों में भेजा गया है और हमलावरों को पकड़ने के लिए तलाश अभियान शुरू कर दिया गया है।

उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने हमले की निंदा की


उप-राज्यपाल ने कहा कि बिंदरू मेडिकेट के मालिक माखन लाल बिंदरू पर हुए आतंकी हमले के बारे में सुनकर दुख हुआ। मैं इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करता हूं। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। दोषियों को जल्द ही न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बहुत दुखद खबर, बिंदरू बहुत दयालु आदमी थे। आतंकवाद के चरम के दौरान भी उन्होंने घाटी नहीं छोड़ी। मैं इस हत्या की  निंदा करता हूं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। वहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं हत्या की निंदा करती हूं। हिंसा की ऐसी हरकतों का समाज में कोई स्थान नहीं है।

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