गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान : शहीद जनरल बिपिन रावत और दिवंगत नेता कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण

राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर आघात हुआ है। विश्व समुदाय को अभूतपूर्व विपदा का सामना करना पड़ा है।
नित नए रूपों में यह वायरस नए संकट प्रस्तुत करता रहा है। मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि
हमने कोरोना के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया।
Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ
नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। विमान हादसे में शहीद हुए सीडीएस (CDS) जनरल बिपिन रावत और भाजपा के दिवंगत नेता कल्याण सिंह को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। प्रभा अत्रै को कला, राधेश्याम खेमका को साहित्य और शिक्षा, जनरल बिपिन रावत को सिविल सर्विस और कल्याण सिंह को लोक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।
सरकार ने पद्म पुरस्कार 2022 की घोषणा की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 25, 2022
सीडीएस जनरल बिपिन रावत को पद्म विभूषण (मरणोपरांत), कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा। pic.twitter.com/5Z0q6RSuNI
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संबोधन; बोले- महामारी के कारण उत्सव में धूमधाम भले ही कम हो, लेकिन भावना सशक्त
सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, मुझे यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि यह वर्ष सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण रहा है। अब नए क्षेत्रों में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की सुविधा आरंभ हो गई है: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद pic.twitter.com/Bix6BPW4wR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 25, 2022
73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश को संबोधित कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को मेरी हार्दिक बधाई। यह हम सबको एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का उत्सव है। सन 1950 में आज ही के दिन हम सब की इस गौरवशाली पहचान को औपचारिक स्वरूप प्राप्त हुआ था।
गतिशील लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता की भावना का उत्सव
हर साल गणतंत्र दिवस के दिन हम अपने गतिशील लोकतंत्र और राष्ट्रीय एकता की भावना का उत्सव मनाते हैं। महामारी के कारण इस साल के उत्सव में धूमधाम भले ही कुछ कम हो, परंतु हमारी भावना हमेशा की तरह सशक्त है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गणतंत्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया और उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया।
महामारी में मानव समुदाय को एक-दूसरे की सहायता की जरूरत
राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर आघात हुआ है। विश्व समुदाय को अभूतपूर्व विपदा का सामना करना पड़ा है। नित नए रूपों में यह वायरस नए संकट प्रस्तुत करता रहा है। मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया।
मानव समुदाय को एक-दूसरे की सहायता की इतनी जरूरत कभी नहीं पड़ी थी जितनी कि आज है। अब दो साल से भी अधिक समय बीत गया है लेकिन मानवता का कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष अभी भी जारी है। इस महामारी में हजारों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है।
कोरोना के बावजूद अर्थव्यवस्था के बढ़ने का अनुमान
इन प्रयासों के बल पर हमारी अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत की दृढ़ता का यह प्रमाण है कि पिछले साल आर्थिक विकास में आई कमी के बाद इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है।
महामारी से बचाव में ढिलाई नहीं बरतनी है
राष्ट्रपति ने महामारी के बीच लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में ढील नहीं देनी चाहिए। हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है। संकट की इस घड़ी में हमने यह देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं।
यह भी पढ़ें :