77 देशों में फैला कोरोना का ओमीक्रॉन वेरिएंट, डब्ल्यूएचओ ने कहा जितनी तेजी से फैल रहा है, इतना पहले किसी वैरिएंट के साथ नहीं देखा गया

कोरोना वायरस के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह अधिक तेजी से फैल रहा है। अभी तक 77 देशों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि
वह इस बात से चिंतित हैं कि वेरिएंट पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं।
Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ
जिनेवा/नयी दिल्ली । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का ओमाइक्रोन वैरिएंट जितनी तेजी से फैल रहा है, इतना पहले किसी वैरिएंट के साथ नहीं देखा गया। एक मीडिया ब्रीफिंग में, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा, "77 देशों ने अब ओमाइक्रोन के मामलों की सूचना दी है, और वास्तविकता यह है कि ओमाइक्रोन शायद अधिकांश देशों में है, भले ही इसका अभी तक पता नहीं चला है। ओमाइक्रोन तेजी से फैल रहा है जिसे हमने किसी पिछले सालों में नहीं देखा है।"
इस बीच, यूके के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ओमाइक्रोन इतनी तेजी से फैल रहा है कि इसमें ब्रिटेन के अस्पतालों को प्रभावित करने की क्षमता है। उन्होंने कोरोनावायरस प्रतिबंधों को मजबूत करने और बूस्टर वैक्सीन शॉट्स के वितरण में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
कोरोना वायरस के नए ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि यह अधिक तेजी से फैल रहा है। अभी तक 77 देशों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया है कि वह इस बात से चिंतित हैं कि वेरिएंट पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं।
- बढ़ते मामले एक बार फिर हेल्थ सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं
टेड्रोस ने कहा, ‘निश्चित रूप से हमने अब तक यह जान लिया है कि हम अपने जोखिम पर इस वायरस को कम आंकते रहे। भले ही ओमीक्रॉन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, लेकिन तेजी से बढ़ते मामले एक बार फिर हेल्थ सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं।’ ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का सबसे पहले नवंबर में दक्षिण अफ्रीका में पता चला था। तभी से इस देश में मामलों में बढ़ोतरी दिख रही है. राष्ट्रपति सिरिल रामापोसा भी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। उनमें संक्रमण के हल्के लक्षण हैं और वह इस समय आइसोलेशन में हैं।
- सबसे अधिक तेजी से फैल रहा, डब्ल्यूएचओ बूस्टर डोज के खिलाफ नहीं
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि ओमीक्रॉन के फैलने की दर इतनी अधिक है, जितनी पिछले किसी वेरिएंट में देखने को नहीं मिली। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वायरस को हल्के में नहीं लेना चाहिए. बूस्टर डोज पर बोलते हुए, टेड्रोस ने कहा कि ओमीक्रॉन के बाद कुछ देशों ने अपनी पूरी वयस्क आबादी को बूस्टर डोज देना शुरू कर दिया है। जबकि हमारे पास इस बात का भी सबूत नहीं हैं कि बूस्टर डोज इस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी ही रहेगी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ बूस्टर डोज के खिलाफ नहीं है बल्कि वैक्सीन वितरण में असामनता के खिलाफ है। उसका मकसद हर जगह लोगों की जिंदगी बचाना है ना कि केवल कुछ ही देशो में।
- अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और यहां तक कि मौत के मामलों में भी बढ़ोतरी होगी
एक बयान में संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी की तरफ से कहा गया, ‘चूंकी दुनियाभर में ओमीक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में हमें लगता है कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और यहां तक कि मौत के मामलों में भी बढ़ोतरी होगी। एजेंसी ने कहा कि नए वेरिएंट का महामारी पर एक बड़ा प्रभाव हो सकता है, लेकिन यह अभी भी निश्चित रूप से कहना जल्दबाजी होगी ।
- ओमिक्रॉन से बचने के लिए क्या आपको बूस्टर डोज लेना होगा ?
फिलहाल नहीं, लेकिन हो सकता है कि आने वाले कुछ महीनों में बूस्टर डोज दिया जाए। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए दुनियाभर के कई देश बूस्टर डोज दे रहे हैं। आईसीएमआर ने पार्लियामेंट्री कमेटी को कहा है कि दूसरे डोज के 9 महीने बाद बूस्टर डोज दिया जा सकता है।
दिसंबर में ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अपनी वैक्सीन कोवीशील्ड को बूस्टर डोज के तौर पर देने की मंजूरी मांगी थी। माना जा रहा है कि सरकार पहले कमोर्बिडिटी वाले लोगों को बूस्टर डोज दे सकती है। उसके बाद बाकी लोगों पर फैसला लिया जाएगा।
- 35 से भी ज्यादा देशों में दिया जा रहा है बूस्टर डोज?
दुनियाभर के 35 से भी ज्यादा देश अपने नागरिकों को बूस्टर डोज दे रहे हैं। अलग-अलग देशों में कमोर्बिडिटी और अलग-अलग फैक्टर को ध्यान में रखते हुए लोगों को कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जा रहा है।
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