बन गई बात चाचा -भतीजा में : अखिलेश का ऐलान गठबंधन पक्का 

It has become a matter of uncle-nephew: Akhilesh announced alliance for sure

शिवपाल के घर से निकलने के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि

प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई।

क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और

सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ। अखिलेश यादव आज अपने चाचा शिवपाल यादव से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों ने 45 मिनट तक साथ वक्त गुजारा। अचानक हुई इस मुलाकात पर सभी की नजरें टिक दिन भर टिकीं रहीं और जब मुलाकात खत्म हुई तो अखिलेश ने चाचा के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया।

शिवपाल के घर से निकलने के बाद अखिलेश ने सोशल मीडिया पर लिखा कि प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाकात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति सपा को निरंतर मजबूत कर रही है और सपा और अन्य सहयोगियों को ऐतिहासिक जीत की ओर ले जा रही है।

  •  चाचा-भतीजा 6 साल बाद घर में मिले

2017 चुनाव से पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच मनमुटाव हो गया था। जिसके बाद दोनों में दूरियां बढ़ती चली गई। करीब 6 साल बाद फिर से शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात उनके घर पर हुई है।

  •  शिवपाल का असर 60 से 70 सीटों पर

शिवपाल यादव पश्चिम, अवध और बुंदेलखंड के करीब 10 जिलों की 60 से 70 सीटों पर असर रखते हैं। इसके पीछे की वजह है कि उनका अभी भी सहकारी समितियों पर कब्जा है। साथ ही वह अपने कोर वोट बैंक यादव को भी सहेज कर चल रहे हैं। उनकी पकड़ यूपी के 9% यादव वोट बैंक पर है।

  • पिछले चुनाव में सपा को मिले थे 22% वोट, 2019 में शिवपाल को मिले सिर्फ 0.3% वोट

चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो शिवपाल यादव मैदान में कहीं भी नहीं टिकते हैं। सपा से अलग होकर 2018 में लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर उतरे शिवपाल यादव ने यूपी की 47 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। खुद फिरोजाबाद से चुनाव लड़े।

इस लड़ाई में रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव हार गए और भाजपा के कैंडिडेट जीत गए। लोकसभा चुनावों में शिवपाल यादव की पार्टी को सिर्फ 0.3% वोट मिले। हालांकि, ज्यादातर जगहों पर शिवपाल ने सपा को नुकसान पहुंचाया। 2017 में जसवंतनगर विधानसभा सीट से जीते शिवपाल यादव को 63% से ज्यादा वोट मिले थे। सपा 2017 में 311 सीट पर चुनाव लड़ी थी। तब उसे 22% वोट मिले थे।

  • सुबह 11 बजे शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी की बैठक बुलाई थी

गुरुवार सुबह 11 बजे शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी की बैठक बुलाई थी। पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद शिवपाल यादव ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास अपना संदेश पहुंचाया। इसके बाद वह मुलाकात करने उनके घर पहुंचे। माना जा रहा है कि शिवपाल यादव ने निर्णय ले लिया है कि वह अखिलेश यादव के साथ जाएंगे, बस इसका अधिकारिक ऐलान होना बाकी था, जो इस मुलाकात के बाद हो गया।

  • 2017 के चुनाव के बाद दो टुकड़ों में बंट गया था मुलायम सिंह यादव का कुनबा

मुलायम सिंह यादव का कुनबा वर्ष 2017 के चुनाव के बाद दो टुकड़ों में बंट गया था। इसकी शुरुआत वर्ष 2016 में ही हो गई थी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे उसी दौरान ही चाचा और भतीजे की राह अलग हो गई थी। इसके बाद शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। परिवार की लड़ाई इस कदर बढ़ी कि अखिलेश ने चाचा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया। फिर चाचा ने भतीजे को ही पार्टी से ही बाहर कर दिया। कुछ दिनों के बाद यह विवाद थमा तो शिवपाल ने अपनी अगल पार्टी बनाकर अलग राह चुन ली।

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