बेंगलुरु के अस्पताल में इलाज के दौरान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने जिंदगी और मौत की जंग लड़ते-लड़ते दम तोड़ा 

Group Captain Varun Singh died fighting for life and death while undergoing treatment at a hospital in Bangalore

आईएएफ ने ट्वीट कर कहा, भारतीय एयरफोर्स को यह बताते हुए काफी दुख हो रहा है

कि ग्रुप कैप्टन का इलाज के दौरान आज निधन हो गया। वे 8 दिसंबर 2021 को हुए हादसे

में अकेले जिंदा बचे थे। एयरफोर्स अफसर उनके निधन पर संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और उनके परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।

Newspoint24/संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ


 नयी दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश में घायल जांबाज ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने जिंदगी और मौत की जंग लड़ते लड़ते दम तोड़ दिया । इंडियन एयरफोर्स के जारी बयान में बताया गया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन की सूचना देते हुए हमें गहरा दुख हुआ है। हेलिकॉप्टर हादसे में हुई चोटों के वजह से आज सुबह उनकी मौत हो गई। गौरतलब है कि तमिलनाडु के कुन्नूर में 08 दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसा हुआ था। इंडियन एयरफोर्स ने उनकी मौत पर संवेदना व्यक्त की है।

  • आईएएफ ने ट्वीट कर कहा

आईएएफ ने ट्वीट कर कहा, भारतीय एयरफोर्स को यह बताते हुए काफी दुख हो रहा है कि ग्रुप कैप्टन का इलाज के दौरान आज निधन हो गया। वे 8 दिसंबर 2021 को हुए हादसे में अकेले जिंदा बचे थे। एयरफोर्स अफसर उनके निधन पर संवेदनाएं व्यक्त करते हैं और उनके परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।

  • गैलेंट्री अवॉर्ड विनर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सैन्य परिवार से आते हैं

गैलेंट्री अवॉर्ड विनर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह सैन्य परिवार से आते हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी वरुण सिंह का परिवार - जल, थल और नभ तीनों सेनाओं से जुड़ा रहा है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स  से हैं। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं।

  • वरुण सिंह का परिवार इन दिनों भोपाल में रहता 

वरुण का परिवार इन दिनों भोपाल में रहता है। वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उन्हें यह अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया था। वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी।

  • यूपी के दवरिया के रहने वाले थे वरुण

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह यूपी के देवरिया के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे। उनका इलाज बेंगलुरु के आर्मी अस्पताल में चल रहा था। वरुण ग्रुप कैप्‍टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट रहे हैं। अभिनंदन वर्धमान ने ही 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था।

  • वरुण सिंह के पिता भी रह चुके सेना में

कैप्टन वरुण सिंह का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी उम्र 42 साल थी। उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे। वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुम्बई में नेवी में हैं। उनकी पत्‍नी गीतांजली एक बेटा रिद रमन और बेटी आराध्या हैं। 
 

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