आधी रात टीकरी बॉर्डर पर किसानों की भाषणबाजी शुरू, पुलिस ने एक तरफ का रास्ता खोला, प्रदर्शनकारी विरोध में बैठे

Newspoint24 / newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ
नयी दिल्ली। दिल्ली से सटे हरियाणा के टीकरी बॉर्डर पर शुक्रवार रात उस समय हालात तनाव भरे बन गए , जब दिल्ली से हरियाणा की ओर जाने वाली एक तरफ की सड़क अचानक खोलने के विरोध में किसान संगठन एकजुट हो गए। किसान नेताओं ने 11 : 30 बजे रात में ही आंदोलन के मंच से एकजुट होने की घोषणा कर दी ।
टिकरी बॉर्डर पर आधी रात को पुलिस द्वारा रास्ते खुलवाने संबंधित बिना बातचीत के कार्रवाई करने का प्रयास किया गया पर किसान एकजुट होकर तुरंत पहुंच गए।
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) October 29, 2021
अभी हालात सामान्य है। किसानों ने रात में ही अपने मंच की दिनचर्या शुरू कर दी है।
हर जोर जुल्म की टक्कर में,
संघर्ष हमारा नारा है। pic.twitter.com/vYjAlwQz1M
किसान नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने 10 फीट का इमरजेंसी रास्ता खोलने की बात कहकर 40 फीट का रास्ता खोल दिया। जिसके विरोध में बड़ी संख्या में किसान पुलिस बैरिकेडिंग के सामने जुट गए। इतना ही नहीं अभी किसान नेताओं ने स्टेज से भाषणबाजी भी शुरू दी । अभी तक देखा गया है भाषण सिर्फ दिन में होते हैं , रात में स्टेज नहीं लगता, मगर इस घटना के बाद किसानों ने रात में स्टेज लगा दिया। मौके पर किसान डटे हुए हैं।
किसान नेता 4 फीट का रास्ता खोलने पर सहमत थे, लेकिन हरियाणा के प्रशासनिक अधिकारी हाईवे की दोनों लेन खोलने की बात रह थे। इस वजह से बैठक में रास्ता खोलने को लेकर कोई हल नहीं निकल पाया। शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे फिर से किसानों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक होने वाली थी, लेकिन आधी रात एक तरफ की सड़क खुलने से किसानों में गुस्सा भड़क गया।
2 घंटे चली बैठक बेनतीजा रही
गौरतलब है कि शुक्रवार शाम ही किसान संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बहादुरगढ़ में बैठक हुई थी। बैठक में हरियाणा सरकार की बनाई हाई पावर कमेटी के मेंबर झज्जर के डीसी श्याम लाल पूनिया और एसपी वसीम अकरम के साथ दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी किसानों से बातचीत में शामिल हुए। करीब 2 घंटे चली बैठक बेनतीजा रही।
किसानों के आंदोलन का मंच दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग के बिल्कुल नजदीक
टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन का मंच दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग के बिल्कुल नजदीक है। यहां दिन भर मंच पर भाषण होगा, लेकिन शाम को सब लोग सड़क पर ही गाड़े गए तंबू में पहुंच जाते है। शुक्रवार शाम अचानक लाउडस्पीकर से किसानों को एकजुट होने का ऐलान किया गया। किसान मोर्चा का नेताओं ने मंच पर आकर कहा कि बगैर किसी बातचीत के रास्ता खोलने का प्रयास किया गया है।