किसानों का आंदोलन MSP जैसे मुद्दों पर जारी रहेगा ,जान गंवाने वाले 702 किसानों का नाम बताया ,पांच सदस्यीय कमेटी का गठन

Farmers' agitation will continue on issues like MSP, names of 702 farmers who lost their lives, five-member committee formed

मीटिंग के बाद किसान संगठन ने केंद्र सरकार को किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले

702 किसानों की लिस्ट जारी की है। लिस्ट को किसानों ने कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव को

भेज दिया है। इन किसानों के लिए केंद्र से मुआवजा मांगा गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री

नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों के बारे में जानकारी नहीं है।

Newspoint24/ संवाददाता /एजेंसी इनपुट के साथ


 नई दिल्ली। किसान नेताओं का एक पांच सदस्यीय पैनल किसानों के शेष मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार के साथ बातचीत करेगा। शनिवार को दिल्ली के पास संयुक्त किसान मोर्चा की एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। मीटिंग में आंदोलन स्थलों को खाली करने पर भी चर्चा हुई। किसान दिल्ली के बार्डर्स पर जहां पिछले एक साल से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए आंदोलित थे।

सर्वसम्मति से पांच सदस्यीय कमेटी का गठन

किसान संगठनों ने सर्वसम्मति से पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, शिवकुमार कक्का, अशोक धावले शामिल हैं। 7 दिसंबर को फिर संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी।

जान गंवाने वाले 702 किसानों की लिस्ट जारी की

मीटिंग के बाद किसान संगठन ने केंद्र सरकार को किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 702 किसानों की लिस्ट जारी की है। लिस्ट को किसानों ने कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव को भेज दिया है। इन किसानों के लिए केंद्र से मुआवजा मांगा गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में कहा था कि उनके पास आंदोलन में मरने वाले लोगों के बारे में जानकारी नहीं है।

एमएसपी कार्यक्रम को बढ़ाने जैसी अपनी मांगों को लेकर जारी रहेगा आंदोलन

हालांकि, किसान संगठन ने मीटिंग में चर्चा के दौरान तय किया कि अभी के लिए, किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी कार्यक्रम को बढ़ाने जैसी अपनी मांगों को लेकर विरोध जारी रखेंगे। एमएसपी के अलावा प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज एफआईआर वापस कराने व अन्य मांग भी शामिल है।

सिंघु बार्डर पर किसानों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मीटिंग में विभिन्न किसान संगठनों के लोग शामिल हुए। सिंघु बार्डर पर किसानों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। एमएसपी पर विमर्श के लिए किसानों की ओर से पांच नामों पर भी चर्चा हुई। केंद्र ने मंगलवार को एसकेएम से एमएसपी और अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक पैनल बनाने के लिए पांच नाम मांगे थे। वहीं मीटिंग के एक दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं मिला। एसकेएम के किसान नेता बलबीर राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, जगजीत डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, युद्धवीर सिंह और शिव कुमार शर्मा कक्काजी ने कहा कि भाजपा के शासन वाले हरियाणा, यूपी , उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और हिमाचल प्रदेश में किसानों पर केस दर्ज किए गए हैं। इसलिए सभी केस वापस लेने होंगे।


 


 टिकैत बोले : खट्‌टर सरकार मुआवजे पर राजी नहीं 

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा में सीएम  मनोहर लाल खट्‌टर से किसानों की मीटिंग हुई है। उसमें केस वापस लेने पर सहमति बन गई थी, लेकिन मुआवजे को लेकर बात नहीं बनी। उन्होंने कहा कि जब तक भारत सरकार से बातचीत फाइनल नहीं होती, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा।

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