बढ़ते प्रदूषण के चलते सोमवार से दिल्ली में स्कूल एक हप्ते बंद और सरकारी कर्मचारियों को भी वर्क फ्रॉम होम

केजरीवाल ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज आपात बैठक बुलाई
और इसके बाद एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद करने का ऐलान किया,
हालाँकि ऑनलाइन स्कूल चलते रहेंगे। बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया,
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव बैठक में उपस्थित रहे।
Newspoint24/newsdesk /एजेंसी इनपुट के साथ
नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के चलते सोमवार से स्कूलों और सरकारी कार्यालय को एक सप्ताह के लिए बंद करने का फ़ैसला किया है।
केजरीवाल ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए आज आपात बैठक बुलाई और इसके बाद एक सप्ताह के लिए स्कूल बंद करने का ऐलान किया, हालाँकि ऑनलाइन स्कूल चलते रहेंगे। बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय और दिल्ली के मुख्य सचिव बैठक में उपस्थित रहे।
इसके साथ ही दिल्ली में निर्माण कार्य 14 से 17 नवम्बर तक पूरी तरह से बंद रहेंगे। इसके अलावा सरकारी दफ्तर भी एक सप्ताह बंद रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को प्रदूषण के मुद्दे पर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जल्द से जल्द कदम उठाने के लिए कहा।
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शनिवार को भी लोगों को प्रदूषण से राहत नहीं मिली। राजधानी में अभी भी लोगों को सांस लेने खासी परेशानी हो रही है और धुंध की मोटी चादर चारों ओर बरकरार है तथा वायु गणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कई स्थानों पर 500 के पार पहुंच गया।
दिल्ली-एनसीआर के लगभग सभी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है। कुछ इलाकों में यह गुणवत्ता सूचकांक 500 के पार पहुंचकर बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।
दिल्ली के लोधी रोड इलाके में वायु गणवत्ता सूचकांक 476, आईआईटी में 479 और दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर क्षेत्र में 578 पर रिकॉर्ड किया गया।
विभाग के अनुसार अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक शून्य से 50 के बीच में है, तो उसे अच्छा श्रेणी में माना जाता है, 51 से 100 के बीच में 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब' श्रेणी, 301 के बीच 400 'बेहद खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है।
मौसम विभाग ने आज सुबह जानकारी दी, “दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता 13 नवंबर और 14 नवंबर को 'बेहद खराब' से 'गंभीर' श्रेणी से ऊपर पहुंच सकती है। इस दौरान दिन के समय धीमी हवाएं और शाम/रात हवाएं थमने से प्रदूषकों के फैलाव के लिए बेहद प्रतिकूल असर रहेगा। प्रतिकूल मौसम की स्थिति अगले पांच दिनों तक बने रहने के असार हैं।”
वायु गुणवत्ता प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान (सफर) ने कहा, “वायु गुणवत्ता सूचकांक आज 'गंभीर' श्रेणी में है और कल भी स्थिति यहीं रहने का अनुमान है।
प्रदूषण बोर्ड ने दी चेतावनी
दिल्ली में आज हवा का गुणवत्ता स्तर (AQI) 476 है, जाे कि गंभीर श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगले 48 घंटों के लिए हवा की क्वालिटी गंभीर बनी हुई है। राज्यों और स्थानीय निकायों को आपातकालीन उपायों को लागू करना चाहिए, जिसमें स्कूलों को बंद करना, निजी कारों पर 'ऑड-ईवन' प्रतिबंध लगाना और सभी तरह के कंस्ट्रक्शन को रोकना शामिल है।
लॉकडाउन हो सकता है, राजनीति से ऊपर उठकर तत्काल करें उपाय: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी पर पहुंचने पर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि राजनीति और सरकार अपनी सीमाओं से ऊपर उठकर तत्काल ऐसे ठोस उपाय करे ताकि राजधानी में दो-तीन दिनों में हर हालत में प्रदूषण कम किया सके। अदालत ने लॉकडाउन करने के उपायों पर भी विचार करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने दिल्ली की प्रदूषण की खतरनाक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को मिलकर काम करने की सलाह दी और यह आदेश दिया कि वे दो-तीन दिनों में प्रदूषण कम करने के उपाय करें।
शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति के कारण हम लोग अपने घरों में भी मास्क लगाने को मजबूर हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने दो-तीन दिन के लिए राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन लगाने पर विचार करने की सलाह दी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए इसे तत्काल कम करने के उपाय के मद्देनजर आज राज्यों के सचिवों की बैठक है। इसमें कोई ठोस उपाय किए जाएंगे।
शीर्ष अदालत इस मामले को सोमवार को फिर सुनवाई करेगी। अदालत ने उस दिन प्रदूषण कम करने के लिए किए गए उपायों के बारे में कार्यवाही रिपोर्ट देने का आदेश सरकार को दिया है ।
उच्चतम न्यायालय ने 17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि स्कूल खुले हुए हैं और बच्चे प्रदूषण के बीच सड़कों पर आ जा रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में प्रदूषण की स्थिति और गंभीर होने की संभावना जतायी जा रही है। इससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।