बीएसएफ सीमा पर 50 किलोमीटर तक कर सकेगी गिरफ्तारी , चन्नी ने फैसले का विरोध किया है बताया तर्कहीन फैसला 

बीएसएफ सीमा पर 50 किलोमीटर तक कर सकेगी गिरफ्तारी , चन्नी ने फैसले का विरोध किया है बताया तर्कहीन फैसला

Newspoint24 /newsdesk /एजेंसी इनपुट के साथ 

नयी दिल्ली।  केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पंजाब, असम तथा पश्चिम बंगाल में क्षेत्राधिकार को सीमा के अंदर 50 किलोमीटर तब बढाने और उसे पुलिस की तर्ज पर जब्ती, तलाशी और गिरफ्तारी के अधिकार देने का निर्णय लिया है।

मजिस्ट्रेट के आदेश और वारंट के बिना भी सीमा सुरक्षा बल इस अधिकार क्षेत्र के भीतर एक्शन ले सकती है। केंद्र के इस आदेश के बाद पंजाब के राजनैतिक हलकों  में मच गई है।

केंद्र सरकार के आदेश के बाद पंजाब में सियासी विवाद पैदा हो गया है। पंजाब में फिलहाल स्थानीय पुलिस किसी भी कार्रवाई में बीएसएफ की मदद करती थी। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह एकमात्र ऐसे नेता हैं जो केंद्र के इस फैसले के साथ खड़े दिख रहे हैं। वहीं कांग्रेस और अकाली दल ने इसका पुरजोर विरोध किया । खुद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे राज्य के अधिकार पर हमला बताया है।

गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि बीएसएफ अब आपराधिक दंड संहिता और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत असम , पश्चिम बंगाल और पंजाब में सीमा से देश के अंदर 50 किलोमीटर तक यह कार्रवाई कर सकेगी। पहले उसे सीमा से देश के अंदर 15 किलोमीटर तक यह कार्रवाई करने का अधिकार था।

सीएम चरणजीत सिंह चन्नी का ट्वीट
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा, मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं। केंद्र ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ लगने वाले 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां दी हैं, जो संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करता हूं कि इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लें।



इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगाः रंधावा
पंजाब के गृह मंत्री और डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि बीएसएफ  को दी गई छूट को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। यह सीधा-सीधा संघीय ढांचे में दखल है। इससे तो आधा पंजाब बीएसएफ के अधीन आ जाएगा। मुझे समझ नहीं आ रहा कि केंद्र सरकार कैसे यह फैसला ले रही है। यह संविधान में दिए गए अधिकारों पर हमला है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इस पर पुनर्विचार करने की मांग की।

सुनील जाखड़ ने ट्वीट कर उठाए सवाल
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की गृह मंत्री अमित से बैठक की पोस्ट और बीएसएफ को दी गई नई जिम्मेदारी की मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए लिखा आप क्या कह रहे हैं चरणजीत सिंह चन्नी साहिब। अनजाने में ही सही आप ने पंजाब का आधा हिस्सा बीएसएफ के हवाले कर दिया है। पंजाब पुलिस इस फैसले से स्तब्ध है।

हालाकि गुजरात में उसके क्षेत्राधिकार का दायरा 80 किलोमीटर से कम करके 50 किलोमीटर किया गया है। जबकि राजस्थान में किसी तरह का बदलाव नहीं करते हुए इसे 50 किलोमीटर ही रखा गया है।

नागालैंड, मिजोरम , त्रिपुरा, मणिपुर और लद्दाख में भी बीएसएफ को यह अधिकार हासिल हैं। हालाकि इन क्षेत्रों और जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में बीएसएफ के अधिकारक्षेत्र का दायरा तय नहीं किया गया है। इसके लिए गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर सीमा सुरक्षा बल अधिनियम 1968 में संशोधन किया है।
 

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