लखीमपुर खीरी घटना में चार मृतकों की हुई पहचान, छावनी में तब्दील हुआ गांव , सीएम योगी ने रद्द किए सारे कार्यक्रम

लखीमपुर खीरी घटना में चार किसान मृतकों की हुई पहचान, छावनी में तब्दील हुआ गांव , सीएम योगी ने रद्द किए सारे कार्यक्रम

Newspoint 24 / newsdesk / एजेंसी इनपुट के साथ

लखनऊ। लखीमपुर खीरी में रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के हेलीकाप्टर उतरने का विरोध कर रहे किसानों तथा भाजपा के नेताओं की बहस के बाद हुए हंगामेदार बवाल में कई वाहनों को फूंकने और करीब दर्जन लोगों के घायल होने की खबर है।  लखीमपुर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। इस घटना में 5 किसानों की मौत हो गई है। इनमें से 2 की मौत गाड़ी से कुचलकर हुई, जबकि 3 की मौत गाड़ी पलटने से हुई। घटना में 8 किसान घायल भी बताए गए हैं। इस घटना के बाद गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की गाड़ी समेत दो गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। 


मंत्री के बेटे अभिषेक की गाड़ी रोकने की कोशिश में एक महिला सिपाही समेत 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। इधर, घटना की जानकारी मिलते मुख्यमंत्री योगी ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को लखीमपुर भेजा है। ​रेंज आईजी  लक्ष्मी सिंह भी लखनऊ से लखीमपुर के लिए रवाना हो गई हैं। इधर, बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी गाजीपुर बॉर्डर से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गए हैं।

मंत्री अजय मिश्रा के लड़के की गाड़ी चढ़ाए जाने के बाद जमीन पर पड़े घायल किसान।

केन्द्रीय राज्य मंत्री का कहना है कि घटना के समय उनका पुत्र मौजूद नहीं था

केन्द्रीय राज्य मंत्री का कहना है कि घटना के समय उनका पुत्र मौजूद नहीं था और हंगामे के दौरान चालक को पत्थर लगने से गाड़ी अनियंत्रित हो गयी जिसकी चपेट में किसान आ गये। उन्होंने कहा कि किसानो के आंदोलन में शामिल असामाजिक तत्वों ने उनके कार चालक हरिओम को पीट पीटकर मार डाला।

छावनी में तब्दील हुआ गांव

इस घटना के बाद किसानों में काफी आक्रोश है। गांव के बिगड़े हालात को काबू में करने के लिए पुलिस व जिला प्रशासन लगा हुआ है। लेकिन अभी स्थिति पूरी तरह से ठीक नहीं है। एसपी विजय ढूल ने जनपद में भारी फोर्स को तैनात कर दिया है। इसके अलावा आसपास के जिलों की फोर्स को भी मंगाया गया है। पीएसी, आरएएफ की टीमें गांव के लिए रवाना हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने रद्द किए सारे कार्यक्रम

लखीमपुर खीरी की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर रात्रि प्रवास के कार्यक्रम को रद्द कर लखनऊ लौट रहे हैं। वह खुद पूरे मामले की मॉनीटिरिंग कर रहे हैं। देर शाम लखनऊ लौटने पर घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे।


 

किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के बाद हिंसा भड़की


जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव मौर्य एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे थे। जब इसकी जानकारी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को लगी, तो वे हेलिपैड पर पहुंच गए। किसानों ने रविवार सुबह 8 बजे ही हेलिपेड पर कब्जा कर लिया था।

इसके बाद, दोपहर करीब 2.45 बजे सड़क के रास्ते मिश्रा और मौर्य का काफिला तिकोनिया चौराहे से गुजरा, तो किसान उन्हें काले झंडे दिखाने दौड़ पड़े। इसी दौरान काफिले में शामिल अजय मिश्रा के बेटे अभिषेक ने अपनी गाड़ी किसानों पर चढ़ा दी। यह देखकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अभिषेक मिश्रा की गाड़ी समेत दो गाड़ियों में आग लगा दी।

गुस्साए किसानों ने मंत्री अजय मिश्रा के बेटे अभिषेक की गाड़ी में आग लगा दी।


किसान यूनियन ने जिले के किसानों से अलर्ट रहने को कहा


इस घटना के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी जिलों के किसानों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है। BKU के प्रवक्ता राकेश टिकैत के गाजीपुर से लखीमपुर खीरी पहुंचने के बाद किसान अगली रणनीति पर काम कर सकते हैं।


मिश्रा पहले भी किसानों को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं


दरअसल, हेलिपैड पर कब्जा होने की जानकारी पाकर अजय मिश्रा और केशव मौर्य लखनऊ से सड़क मार्ग से लखीमपुर जिला मुख्यालय पहुंचे थे। यहां योजनाओं का लोकार्पण करने के बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय राज्यमंत्री हेलिकॉप्टर की बजाय गाड़ी से बनवारी गांव जा रहे थे। बनवारी गांव अजय मिश्रा का पैतृक गांव है। यहां कुश्ती प्रतियोगिता की शुरुआत करनी थी। प्रशासन ने बनवारी गांव के पास तनाव को लेकर पहले ही अलर्ट किया था।

दरअसल, किसान हफ्ते भर पहले दिए अजय मिश्रा टेनी के एक बयान से आहत हैं। किसानों का कहना है कि मंत्री बनने के बाद अजय मिश्रा ने कहा था कि हम अपनी पर आ गए तो हम क्या कर सकते हैं? यह सब जानते हैं। अजय मिश्रा ने यह बयान किसानों की तरफ से काले झंडे दिखाए जाने के बाद दिया था।

अजय मिश्रा ने कहा था- सुधर जाओ वरना सुधार देंगे


दरअसल, बीते 26 सितंबर को किसानों ने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा को लखीमपुर में संपूर्णानगर क्षेत्र में काले झंडे दिखाए थे। मिश्रा एक जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे। जनसभा में उन्होंने खुद के विरोध का जिक्र करते हुए मंच से किसानों को धमकी दी थी। कहा था कि किसानों के अगुवा यानी संयुक्त किसान मोर्चा के लोग प्रधानमंत्री मोदी का सामना नहीं कर पा रहे हैं। आंदोलन को 10 महीने हो गए।

काले झंडे दिखाने वालों के लिए आगे उन्होंने कहा कि अगर हम गाड़ी से उतर जाते तो उन्हें भागने का रास्ता नहीं मिलता। कृषि कानून को लेकर केवल 10-15 लोग शोर मचा रहे हैं। यदि कानून इतना गलत है तो अब तक पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए। उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा था कि सुधर जाओ, नहीं तो सामना करो, वरना हम सुधार देंगे दो मिनट लगेंगे। विधायक-सांसद से बनने से पहले से लोग मेरे विषय में जानते होंगे कि मैं चुनौती से भागता नहीं हूं।


मुख्य कार्यक्रम स्थल का गेट बंद किया


किसानों के हंगामे को देखते हुए डिप्टी सीएम के मुख्य कार्यक्रम का गेट बंद कर दिया गया। भारी पुलिस फोर्स मौके पर तैनात की गई। दरअसल, किसानों की तरफ से मौर्य और केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को काले झंडे दिखाने के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने यह इंतजाम किया था।

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