वाराणसी : विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए तैयारी , डिबार प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पायेंगे

 

Newspoint24/संवाददाता  

  न्यूनतम पोलिंग वाले इलाकों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा, युवा महोत्सव, क्रिकेट प्रतियोगिता का होगा आयोजन

वाराणसी। विधानसभा चुनाव में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के साथ मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर जिला प्रशासन का खासा जोर है। चुनाव में 70 फीसदी तक मतदान कराने के लिए लगातार जन जागरूकता अभियान भी चलाया जायेगा।

कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला रायफल क्लब सभागार में मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों में युवा महोत्सव, क्रिकेट प्रतियोगिता, स्वीप द्वारा न्यूनतम पोलिंग वाले इलाकों में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम चलाया जायेगा। इसी तरह जगह-जगह स्टीकर्स डिस्प्ले, सभी कार्यालयों, चिकित्सकों,अस्पतालों और दुकान की पर्चियों में मतदाता जागरूकता का स्टाॅम्प लगाया जायेगा।

उन्होंने बताया कि इस बार विधानसभा चुनाव में जिले के सभी कोरोना संक्रमित, बुजुर्गों तथा दिव्यांगों के पास घर बैठे वोट डालने का विकल्प भी दिया जायेगा। इन्हें मतदान के पूर्व ही बीएलओ के माध्यम से घर पर बैलेट पेपर उपलब्ध करा दिया जाएगा। घर बैठे बैलेट के जरिये मतदान कराना एक बड़ी चुनौती होगी। इसके बावजूद इसे अच्छे से पूरा किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि जिले में 42 हजार बुजुर्ग और 26 हजार दिव्यांग मतदाता हैं। लेकिन कोविड संक्रमितों की संख्या चुनाव तक क्या होगी, ये कोई नहीं जानता। उन्होंने बताया कि जब प्रत्याशियों की अंतिम सूची का प्रकाशन होगा और बैलेट पेपर छपवाया जा सकेगा। उस वक्त कोविड संक्रमितों की संख्या पता करते हुए बैलेट पेपर छपवाये जाएंगे और 24 से 28 फरवरी के बीच बीएलओ के माध्यम से उनका घर-घर वितरण कराया जाएगा।

जिलाधिकारी ने वार्ता के दौरान कहा कि मतदान में 40 प्रतिशत मतदाता रुचि नहीं दिखाते। उन्होंने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव का जिक्र कर कहा कि तब 57.35 प्रतिशत मतदान हुआ था जो साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 58.33 प्रतिशत पहुंचा और फिर साल 2017 के विधानसभा चुनावों में 61.63 प्रतिशत रहा। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 58.82 रह गया। जो चिंता का विषय है।

जिलाधिकारी ने कहा कि बीएचयू में सबसे कम मतदान होता है। कैंट विधानसभा के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कला संकाय में बने पोलिंग स्टेशन संख्या 336 के क्रम संख्या 1 में 970 में से सिर्फ 206 वोटर्स ने मतदान किया था, जो सिर्फ 21 प्रतिशत मत है।

जिलाधिकारी ने मतदाताओं से आह्वान किया कि लोकतंत्र के महापर्व में सहयोग दें और इसे मज़बूत बनाने के लिए सभी लोग मतदान करें। जिलाधिकारी ने बताया कि 5 जनवरी को प्रकाशित हुई अंतिम मतदाता सूची के बाद शहर के 8 विधानसभाओं में 52,70,882 मतदाता हैं, जिसमें पिंडरा विधानसभा में 369265, अजगरा में 368968, शिवपुर में 368374, रोहनिया में 400053, वाराणसी उत्तरी में 418649, वाराणसी दक्षिणी में 316328, वाराणसी कैंटोनमेंट में 447551 और सेवापुरी में 340057 मतदाता हैं। इनमे अभी और भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। जिले में चुनाव 7 मार्च को होना है। इसलिए वोटर लिस्ट में 10 फरवरी तक जमा किये गए फ़ार्म को भी जोड़ा जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि अभी वो लोग मतदाता बन सकते हैं, जिनका किसी कारणवश मतदाता सूची में नाम नहीं जुड़ पाया है। उनका नाम 10 फरवरी के बाद जोड़ दिया जाएगा। उन्होंने सभी लोगों से अपील की है कि ऑनलाइन फ़ार्म-6 भरकर या बीएलओ से संपर्क कर अपना नाम सूची में 10 फरवरी तक बढ़वा सकते हैं।

जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 5958 ऐसे वोटर्स हैं जो सेना में हैं। उनके लिए पोस्टल बैलट भेजा जाएगा। ये हमारे यहां के सर्विस मतदाताओं से अलग है, और सिर्फ सेना में कार्यरत फौजी हैं। वहीं, 185 थर्ड जेंडर्स भी हैं जो अपने मत का प्रयोग करेंगे।

-डिबार प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पायेंगे

जिलाधिकारी ने बताया कि पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान प्रत्याशियों के खिलाफ कुल 9 मुकदमें पंजीकृत हुए थे। इसमें एक प्रत्याशी को चुनाव आयोग ने 2023 तक के लिए डिबार किया है। लिहाजा इस प्रत्याशी के चुनाव लड़ने पर पाबंदी रहेगी।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक विधानसभा में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए स्पेशल बूथ बनाये जाएंगे जो मॉडल बूथ से अलग होंगे। महिला स्पेशल बूथ पर सभी अधिकारी महिलाएं तथा दिव्यांग पर दिव्यांग अधिकारी मौजूद रहेंगे। उन्होंने बताया कि दिव्यांग स्पेशल बूथ पर दिव्यांग पुलिसकर्मी नहीं मिलेंगे तभी सामान्य पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी।

उन्होंने बताया कि इस बार 1200 मतदाताओं पर एक बूथ बनाया गया है। इस बार 481 बूथों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। जिले को 28 जोन में बांटा गया है जहां जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की जा रही है। जिले में मांग के हिसाब से 150 प्रतिशत ईवीएम, वीवीपैट मशीने मिल चुकी हैं। लिहाजा इस बार मशीनों की कोई कमी नहीं रहेगी।

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