राजस्थान विधानसभा : लॉकडाउन के दौरान सहायता वितरण में राजनीतिकरण के आरोपों पर हंगामा, कार्यवाही तीन बार स्थगित

Newspoint24.com/newsdesk/ जयपुर । राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को कोरोना पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के विधायक कालीचरण सराफ द्वारा सरकार पर राशन और किट वितरण और सैनिटाइजेशन में भेदभाव और राजनीतिकरण का आरोप लगाए जाने से पक्ष प्रतिपक्ष के बीच हुए जोरदार हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही आधे घंटे
 

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जयपुर । राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को कोरोना पर चर्चा के दौरान पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के विधायक कालीचरण सराफ द्वारा सरकार पर राशन और किट वितरण और सैनिटाइजेशन में भेदभाव और राजनीतिकरण का आरोप लगाए जाने से पक्ष प्रतिपक्ष के बीच हुए जोरदार हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। आधे घंटे के बाद जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तब भी हंगामे की स्थिति बनी रही और दोनों पक्षों के सदस्य एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे। इस पर सभापति राजेंद्र पारीक ने एतराज जताया और कहा कि यदि हंगामे की स्थिति बनी रही तो चर्चा नहीं हो सकती। लेकिन हंगामा इसके बाद भी चलता रहा तो सभापति पारीक ने पांच मिनिट में ही चर्चा समाप्ति की घोषणा कर सदन की कार्यवाही दूसरी बाद स्थगित कर दी। करीब दस मिनिट बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरु हुई तो सभापति पारीक ने आसन पर आते ही कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को कोरोना प्रबंधन एवं लॉकडाउन से आर्थिक स्थिति पर अहम चर्चा शुरु हुई। चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के विधायक कालीचरण सराफ ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को राशन बंटवाने के लिए हमने भी विधायक कोष से पैसा दिया, लेकिन नगर निगम के जरिए राशन बंटवाया गया। राशन बंटवाने में निगम अधिकारियों ने भेदभाव किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन अधिकारियों ने ईमानदारी से काम किया, उनको हटा दिया गया। जयपुर की बाईजी कोठी का उदाहरण देते हुए सराफ ने सदन में अधिकारियों के नाम भी लिए। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद लोगों को एक भी किट नहीं मिला जबकि कांग्रेस के विधायकों ने अपने लोगों के लिए राशन इकट्ठा किया। सराफ ने सरकार पर सहायता का राजनीतिकरण करने का आरोप जड़ा।

इस पर सदन में जोरदार हंगामा हो गया और पक्ष ने सदन में ऐतराज जताया। सत्ता पक्ष के विधायक अपने सीटों पर खड़े हो गए और सराफ की टिप्पणी का विरोध करने लगे। इधर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ और सराफ के नेतृत्व में भाजपा सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़ा होकर विरोध जताने लगे। सदन में गहमागहमी का माहौल बन गया। संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी सरकार के बचाव में उतरे। प्रताप सिंह ने कहा कि सराफ झूठ बोल रहे हैं। सरकार ने कोरोना प्रबंधन में बहुत अच्छा काम किया है, केवल विपक्ष में होने के कारण ये सब चीजों को गलत बता रहे हैं। ज्यादा हंगामा होने पर प्रताप सिंह ने प्रतिपक्ष सदस्यों को कहा कि इतना जोर से मत बोलें, मसल पावर किसी और को दिखाएं। इस पर कटारिया ने कहा की आप इतनी हेकड़ी में मत आओ। हंगामें के बीच संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल भी अपनी सीट पर खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि गलत टिप्पणी करने पर आज सराफ को सदन की अवधि तक बाहर निकाला जाए। धारीवाल ने कहा कि सदन में झूठ बोलने का अधिकार नहीं है। इस पर दोनों पक्षों के बीच जोरदार नोकझोंक होने लगी और जबरदस्त हंगामा मच गया। दोनों पक्षों के सदस्य अपने अपने सीटों पर खड़े हो गए। इस पर सभापति महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।