मंदिर निर्माण के लिए 54 बार ली समाधि, जलाये करोड़ों दिये

Newspoint24.com/newsdesk/ रायबरेली । श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए आम लोगों और साधु संतों ने अपनी अपनी तरह से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। रायबरेली के बाबा का पुरवा के रामजानकी मठ के पीठाधीश्वर मौनी स्वामी महाराज ने भी मंदिर के लिए कई कठिन साधनाएं की और अब उनकी साधना पूरी होने वाली है। इससे वह
 

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रायबरेली । श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए आम लोगों और साधु संतों ने अपनी अपनी तरह से महत्वपूर्ण योगदान दिया है। रायबरेली के बाबा का पुरवा के रामजानकी मठ के पीठाधीश्वर मौनी स्वामी महाराज ने भी मंदिर के लिए कई कठिन साधनाएं की और अब उनकी साधना पूरी होने वाली है। इससे वह काफ़ी प्रसन्न हैं। मौनी स्वामी पांच अगस्त को अपने इस संकल्प को पूरा होते देखना चाहते हैं। इसके लिए वह अयोध्या रवाना हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि यह उनके लिए असीम सुख देने वाला है। उनके संकल्प की साधना पूरी हो गई है और वह इसको अपने प्रत्यक्ष देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निश्चय ही देश में राष्ट्र मंदिर के रूप में स्थापित होगा और देश को एक नई दिशा देगा।

54 बार ली समाधि, जलाये करोड़ों दिए
रामजानकी मंदिर आश्रम के पीठाधीश्वर मौनी स्वामी महाराज 29 साल से मंदिर के संकल्प के साथ दृढ़ता से जुड़े हैं। संघर्ष के स्तर पर जहां उन्होंने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया, वहीं इसके लिए 29 साल से कड़ी साधना भी करते रहे। मौनी स्वामी ने अब तक श्री रामजन्मभूमि मंदिर के लिए 54 बार भूमि समाधि ले चुके हैं।17 बार उन्होंने जल समाधि ली और 1488 किमी तक लेट कर परिक्रमा की है। मौनी स्वामी ने अब तक तीन करोड़ 88 लाख दिए भी जलाए हैं। 2019 के कुम्भ मेले में मौनी स्वामी ने लगातार एक महीने 4 दिन तक रोज 33 हजार दीप जलाए हैं, उनके कुम्भ मेला स्तिथ आश्रम में 33 हजार रुद्राक्ष के शिवलिंग की भी पूजा मंदिर के संकल्प को लेकर की गई थी।
मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष में वह लगातार नेतृत्व करते रहे। सभी प्रमुख आंदोलन का उन्होंने नेतृत्व किया। इसके लिए वह उत्पीड़न का भी शिकार हुए लेकिन इससे उनका संकल्प नही डिगा।मंदिर को लेकर उनके आश्रम में भी लगातार पूजा अर्चना की जा रही है। मौनी स्वामी अब अपनी साधना के पूरा होते देखने के लिए अयोध्या में हैं और अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं।