उत्तर प्रदेश : दस दिन में घटे कोरोना के करीब 14 हजार एक्टिव केस अब तक 5715 की मौत

Newspoint24.com/newsdesk/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संदिग्धों की टेस्टिंग का आंकड़ा एक करोड़ के करीब पहुंचने के साथ साथ बीमारी का प्रकोप दिनोदिन कम हो रहा है और पिछले दस दिनो में राज्य में कोविड-19 के एक्टिव मरीजो की संख्या लगभग 14 हजार कम हुयी है । पिछली 20 सितम्बर को राज्य में कोरोना के
 

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संदिग्धों की टेस्टिंग का आंकड़ा एक करोड़ के करीब पहुंचने के साथ साथ बीमारी का प्रकोप दिनोदिन कम हो रहा है और पिछले दस दिनो में राज्य में कोविड-19 के एक्टिव मरीजो की संख्या लगभग 14 हजार कम हुयी है ।

पिछली 20 सितम्बर को राज्य में कोरोना के 65 हजार 954 मामले थे जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंगलवार को जारी बुलेटिन में यह संख्या अब 52 हजार 160 रह गयी है। सरकार भी मानती है कि राज्य में कोरोना के नये मामलों में जहां कमी आयी है वहीं इस बीमारी से निजात पाने वालों की संख्या में उत्तरोत्तर इजाफा हो रहा है जो एक सुखद संकेत है हालांकि विषाणु का खतरा बरकरार है और मामूली सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है।

राज्य में सोमवार को कोविड-19 संदिग्धों के एक लाख 60 हजार 717 नमूने टेस्ट किये गये जिसे मिलाकर अब तक 99 लाख 37 हजार 675 नमूने टेस्ट किये जा चुके है जिसमें तीन लाख 94 हजार 856 मरीज संक्रमण से ग्रसित पाये गये है हालांकि इनमें तीन लाख 36 हजार 981 मरीज स्वस्थ भी हो चुके है जो कुल संक्रमितों का 85 फीसदी से अधिक है। कुल मिले संक्रमितों में से अब तक 5715 की मौत हुयी है और अब 52160 मरीजों का इलाज किया जा रहा है जिनमें आधे से अधिक होम आइसोलेशन में हैं।

कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित लखनऊ में भी वायरस कमजोर पड़ा है जिसके चलते यहां मरीजों की संख्या घटकर अब 7259 रह गयी है हालांकि जिले में अब तक कोरोना ने 700 लोगों की जान ली है जो पूरे राज्य में सबसे अधिक है। पिछले 24 घंटों में लखनऊ में कोरोना के 532 नये मामले सामने आये जबकि 788 मरीज स्वस्थ हो गये और 14 की मौत हुयी।

इस अवधि में कानपुर में 182,प्रयागराज में 254,गोरखपुर में 210,गाजियाबाद में 225,वाराणसी में 246,मेरठ में 160 और बरेली में कोरोना के 104 नये मामले सामने आये। वहीं स्वस्थ होने वालों की संख्या इन सभी जिलों में दो से तीन गुनी रही।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ और कानपुर नगर में विशेष ध्यान देते हुए रिकवरी दर को बेहतर बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने कहा कि जब तक कोरोना की कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक सावधानी व बचाव ही एक मात्र उपाय है। इसके मद्देनजर लोगों को जागरूक किए जाने की कार्रवाई लगातार जारी रखी जाए। जनता को विभिन्न प्रचार माध्यमों से संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी दी जाए।