बुलंदशहर की अदालत ने दुष्कर्म मामले में बंद फाईल को फिर से खोलने का आदेश दिया

बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की एक अदालत ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में डिवाई पुलिस द्वारा न्यायालय में भेजी फाइनल रिपोर्ट को खारिज करते हुए मामले की फिर से जांच करने और फाइनल रिपोर्ट लगाने वाले तत्कालीन पुलिस निरीक्षक परशुराम पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को
 


बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की एक अदालत ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में डिवाई पुलिस द्वारा न्यायालय में भेजी फाइनल रिपोर्ट को खारिज करते हुए मामले की फिर से जांच करने और फाइनल रिपोर्ट लगाने वाले तत्कालीन पुलिस निरीक्षक परशुराम पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निरीक्षक के विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है ।


डिवाई इलाके के एक गांव की महिला ने 25 अप्रैल 2018 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी की उसके ननद के जेठ के बेटे का उसके घर में आना जाना था । वह दिल्ली में रहता है। आरोपी ननद के बेटे ने 25 अप्रैल को अपने एक साथी के साथ घर आकर बालिका के साथ दुष्कर्म किया । दुष्कर्म के इस मामले की जांच डिबाई के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक परशुराम ने की और जांच के बाद मामले को गलत मानते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी ।


प्रक्रिया के तहत यह फाइनल रिपोर्ट मंजूरी के लिए न्यायालय में प्रेषित की गई । वादी की ओर से फाइनल रिपोर्ट मंजूर न करने की प्रार्थना करते हुए विवेचना अधिकारी पर लापरवाही बरतने और सही ढंग से जांच न करने का आरोप लगाया मामले की सुनवाई अपर, सत्र न्यायाधीश पोक्सो राजेश पाराशर के न्यायालय में हुई । एडीजे पोक्सो ने पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों के आधार पर विवेचना अधिकारी पर मामले की सही जांच ना करने जल्दबाजी करते हुए फाइनल रिपोर्ट लगाने और फाइनल रिपोर्ट को प्रक्रिया के अनुसार न्यायालय भेजने का दोषी माना।
एडीजे ने प्रेषित फाइनल रिपोर्ट को नामंजूर करते हुए फिर से जांच करने के निर्देश दिए हैं। वहीं विवेचना में जल्दबाजी और लापरवाही बरतने वाले डिबाई थाने के तत्कालीन निरीक्षक परशुराम के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश बुलंदशहर के एसएसपी को दिए हैं ।