जयपुर: BSDU छात्रों ने बनाई थ्री-इन-वन कोविड सेफ्टी डिवाइस, कोरोना से बचाव में है कारगर

Newspoint24.com/newsdesk/ जयपुर। ऐसे समय में जब वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने देश भर को संकट में डाल रखा है, इसी दौर में भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) में स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के छात्रों ने डॉ. रवि कुमार गोयल की सलाह के तहत एक ऐसा थ्री-इन-वन कोविड 19 सेफ्टी डिवाइस का आविष्कार किया है,
 

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जयपुर। ऐसे समय में जब वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) ने देश भर को संकट में डाल रखा है, इसी दौर में भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) में स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के छात्रों ने डॉ. रवि कुमार गोयल की सलाह के तहत एक ऐसा थ्री-इन-वन कोविड 19 सेफ्टी डिवाइस का आविष्कार किया है, जो एक ही बार में मानव शरीर का तापमान लेता है, मौजूदगी दर्ज करता है और सैनिटाइजर रिलीज करता है।

यह उपकरण सौर और ग्रिड ऊर्जा स्रोत का उपयोग करते हुए अपने काम को अंजाम देता है। इस अनोखे डिवाइस में मशीन में बॉडी टेम्परेचर सेंसिंग यूनिट है, साथ ही एक ऑटोमैटिक हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसिंग यूनिट, एक डिस्प्ले, फेस रिकग्निशन के लिए एक कैमरा, एक वायरलेस कम्युनिकेशन पैनल, एक अलार्म सिस्टम, एक पॉवर सप्लाई और एक प्रोसेसिंग यूनिट भी होती है, जिससे यह एक बहुउपयोगी मशीन साबित होती है।

पेटेंट का प्रकाशन वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के डिपार्टमेंट फार प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड के कंट्रोलर जनरल आफ पेटेंट्स के पेटेंट ऑफिस जरनल में 26 जून, 2020 को किया गया है। इसे ‘हाइब्रिड ऑटोमैटिक सेनिटाइजर डिस्पेंसिंग डिवाइस विद ह्यूमन बाडी टेम्परेचर डिटेक्शन एंड मानिटरिंग’ शीर्षक के साथ प्रकाशित किया गया है।

बीएसडीयू के उप कुलपति प्रो. अचिंत्य चैधरी ने कहा,“कोरोना वायरस के प्रकोप के दौरान हमारे छात्रों ने अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल ऐसे अनूठे, रचनात्मक और शानदार आविष्कारों की दिशा में किया, जिन्हें हमें ‘न्यू नार्मल‘ के दौरान अपने जीवन में समायोजित करने में मदद मिलेगी। जिस तरह से हमारे छात्र रचनात्मक रूप से अपनी कुशलता को साबित कर रहे हैं और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर अग्रसर हैं, यह देखकर हमें प्रसन्नता का अनुभव होता है।”

कोरोना महामारी के वर्तमान दौर में बीएसडीयू के छात्र भी नए-नए समाधान लेकर आए हैं। इसी क्रम में छात्रों ने एक ऐसी नई हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसिंग मशीन बनाई है, जिसमें चेहरे की पहचान करने के साथ-साथ शरीर का तापमान मापने का उपकरण भी है, और यह सब पूरी तरह से संपर्क रहित है।

स्कूल ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स के प्राचार्य डॉ. रवि कुमार गोयल ने कहा,“वर्तमान अनिश्चित और चिंताजनक समय ने दुनियाभर में अपना असर छोड़ा है और लोगों के जीवन को बदल दिया है। इस मुश्किल समय के दौरान हमारे छात्रों द्वारा किया गया अभिनव आविष्कार इस उद्देश्य के साथ सामने आया है कि
देश के नागरिक आवश्यक सावधानी बरतते हुए अपने जीवन को सुरक्षित कर सकें। यह 3-इन-1 कोविड-19 सेफ्टी डिवाइस पर्यावरण की देखभाल के लिहाज से भी उपयुक्त है और इसे ईकोसिस्टम के अनुकूल रखते हुए देश की ताकत को दर्शाने के लिए हमारे छात्रों द्वारा की गई एक अनूठी पहल है।

गौरतलब है कि वर्ष 2016 में स्थापित बीएसडीयू भारत का पहला अनूठा कौशल विकास विश्वविद्यालय है, जिसे भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं के विकास के लिए अवसर, स्थान और गुंजाइश बनाकर कौशल विकास के क्षेत्र में वैश्विक उत्कृष्टता पैदा करने की दृष्टि से उन्हें वैश्विक स्तर पर फिट बनाने के लिए कायम किया गया था। डॉ. राजेंद्र के जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी के नेतृत्व और विचार प्रक्रिया के तहत नौकरी, प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए बीएसडीयू ने ‘स्विस-ड्यूल-सिस्टम’ स्विट्जरलैंड की तर्ज पर इसे स्थापित किया है।

बीएसडीयू राजेंद्र उर्सुला जोशी चैरिटेबल ट्रस्ट के तहत एक शिक्षा उपक्रम है और राजेंद्र और उर्सुला जोशी (आरयूजे) समूह ने इस विश्वविद्यालय को 2022 तक 36 कौशल स्कूलों को स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।

विचार, कौशल विकास की स्विस प्रणाली को भारत में लाने का था, इस तरह भारत में आधुनिक कौशल विकास के जनक डॉ. राजेंद्र जोशी और उनकी पत्नी श्रीमती उर्सुला जोशी ने 2006 में स्विट्जरलैंड के विलेन में ‘राजेंद्र एंड उर्सुला जोशी फाउंडेशन’ का गठन करते हुए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया।
बीएसडीयू का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाली कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा और स्नातक, स्नातकोत्तर, डॉक्टरेट और विभिन्न कौशल के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए पोस्ट-डॉक्टरेट की डिग्री देते देते हुए ज्ञान की उन्नति और प्रसार करना है।