महेंद्र सिंह धोनी अभी आईपीएल में खेलेंगे बोले उम्मीद है कि मेरा आख़िरी टी20 मैच चेन्नई में होगा

 

फ़्रेंचाइज़ी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में धोनी ने कहा, "मैंने हमेशा अपने क्रिकेट

की योजना बनाई है। आख़िरी वनडे जो मैंने भारत में खेला था, वह रांची में था।

उम्मीद है कि मेरा आख़िरी टी20 चेन्नई में होगा, फिर चाहे वह अगले साल हो या पांच साल बाद, मुझे नहीं पता।"

Newspoint24/ एजेंसी इनपुट के साथ 
 
चेन्नई। आईपीएल की चैंपियन टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने संकेत दिए है कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) का प्रतिनिधत्व करना जारी रखेंगे और उन्हें उम्मीद है कि उनका आख़िरी टी20 मैच चेपॉक के मैदान पर होगा।

इससे पहले, कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के ख़िलाफ़ आईपीएल 2021 के फ़ाइनल में सुपर किंग्स की जीत के बाद, धोनी ने कहा था कि आने वाले सीज़न से संबंधित कोई भी निर्णय टीम के हित को ध्यान में रखकर लिया जाएगा।

बड़े ऑक्शन और प्रत्येक टीम को केवल चार खिलाड़ियों को रिटेन करने की अनुमति के साथ, एक खिलाड़ी के तौर पर उनके भविष्य पर अनिश्चितता का साया बना हुआ है। हालांकि सुपर किंग्स के मालिक एन श्रीनिवासन ने संकेत दिया था कि वह किसी ना किसी भूमिका में चेन्नई की टीम के साथ बने रहेंगे।

उम्मीद है कि मेरा आख़िरी टी20 चेन्नई में होगा

फ़्रेंचाइज़ी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में धोनी ने कहा, "मैंने हमेशा अपने क्रिकेट की योजना बनाई है। आख़िरी वनडे जो मैंने भारत में खेला था, वह रांची में था। उम्मीद है कि मेरा आख़िरी टी20 चेन्नई में होगा, फिर चाहे वह अगले साल हो या पांच साल बाद, मुझे नहीं पता।"

धोनी ने 2008 में पहले सीज़न से ही सुपर किंग्स का नेतृत्व किया है और उन्हें चार आईपीएल ख़िताब दिलाए हैं। साल 2020 को छोड़कर हर साल सीएसके ने प्लेऑफ़ में जगह बनाई है। इन 14 वर्षों में धोनी न केवल इस टीम बल्कि इस शहर के साथ जुड़ गए हैं।

उन्होंने कहा, "आईपीएल की बात करें तो इस शहर से मेरा रिश्ता 2008 में शुरू हुआ लेकिन देखा जाए तो मैं उससे पहले से ही यहां से जुड़ा हुआ हूं। उनमें से सबसे यादगार पल, मेरा टेस्ट डेब्यू चेन्नई में ही था। मैं नहीं जानता था कि मुझे सीएसके द्वारा चुना जाएगा। जब मैं इस टीम में आया तब मुझे यहां की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिला। और वह चीज़ जिसने इस रिश्ते को और भी अलग बनाया वह यह थी कि मैं एक मुसाफ़िर हूं। मेरे माता पिता उत्तर प्रदेश से हैं। वह पहले यूपी था और बाद में उत्तराखंड बना। मैं रांची में पैदा हुआ जो उस समय बिहार का हिस्सा था लेकिन आगे चल कर झारखंड बन गया।

 18 वर्ष की आयु में मुझे रेलवे में पहली नौकरी खड़गपुर, पश्चिम बंगाल में मिली और फिर मैं चेन्नई आया। मेरा मानना है कि चेन्नई और तमिलनाडु ने मुझे बहुत कुछ सिखाया : कैसे ख़ुद का संचालन करना है और कैसे खेल की सराहना करना है। हर एक मैच जो हमने चेपॉक में खेला हैं, उसमें समर्थकों ने अच्छे खेल का प्रशंसा की है।"

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