सरसंघचालक मोहन भागवत बोले वोट की राजनीति में हम नहीं पड़ते, राष्ट्र में क्या होना चाहिए, इस बारे में हमारे कुछ विचार हैं

 

newspoint24 / newsdesk

नई दिल्ली। नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम में डॉ ख्वाजा इफ्तेखार अहमद की ‘वैचारिक समन्वय-एक व्यवहारिक पहल’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। पुस्तक विभिन्न मतपंथों के बीच आपसी चर्चाओं के आधार पर लिखी गई है।


इस मौके पर उन्होंने कहा की वोट की राजनीति में हम नहीं पड़ते। राष्ट्र में क्या होना चाहिए, इस बारे में हमारे कुछ विचार हैं। अब एक ताकत बनी है तो वो ठीक हो जाए, इतनी ताकत हम चुनाव में भी लगाते हैं। हम राष्ट्रहित के पक्षधर हैं। 

पुस्तक के लेखक डॉ ख्वाजा इफ्तेखार ने इस अवसर को एक ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि यह 95 वर्षों की दूरी को पाटने का यही अवसर है। यह अवसर है दोस्ती, सहयोग और आपसी भाईचारा विकसित करने का है। पुस्तक के बारे में उन्होंने चर्चा करते हुए कहा कि इसमें देश के राजनीतिक घटनाक्रम का सच्चा अवलोकन किया गया है। खिलाफत आंदोलन को मजहबी बताते हुए उन्होंने इस दौरान देश विभाजन को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि देश की भाषा, संस्कृति और देश एक है।


मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉक्टर इंद्रेश कुमार के संरक्षण में मुस्लिम के बीच काम करने वाला राष्ट्रवादी संगठन है। कार्यक्रम का आयोजन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के ही एक सहयोगी संगठन के माध्यम से आयोजित किया गया था। 

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की बैठक 4 और 5 जुलाई को गाजियाबाद में आयोजित की जा रही है। बैठक में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारियों सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेतृत्व भी शामिल है। इस बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम के साथ समन्वय से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विशेष तौर पर विचार विमर्श हो रहा है।