निशंक ने एनआईटी राउरकेला के स्वर्ण जयंती भवन का उद्घाटन किया

Newspoint24.com/newsdesk/ नयी दिल्ली । केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ़ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज यहाँ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा एनआईटी राउरकेला में स्वर्ण जयंती भवन का उद्घाटन किया। डॉ निशंक ने कहा, “हमारे देश में एनआईटी जैसे संस्थानों के कंधों पर उच्च गुणवत्तायुक्त तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा देने की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और मुझे बेहद ख़ुशी
 

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नयी दिल्ली । केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ़ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज यहाँ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा एनआईटी राउरकेला में स्वर्ण जयंती भवन का उद्घाटन किया।

डॉ निशंक ने कहा, “हमारे देश में एनआईटी जैसे संस्थानों के कंधों पर उच्च गुणवत्तायुक्त तकनीकी और वैज्ञानिक शिक्षा देने की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और मुझे बेहद ख़ुशी है कि पिछले 59 वर्षों से एनआईटी राउरकेला इस दिशा में लगातार कार्यरत है। इस संस्थान ने केवल एक भवन से शुरुआत की थी और आज यहां 21 अकादमिक डिपार्टमेंट है जो कि इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, मानविकी, विज्ञान, स्थापत्य एवं प्रबंधन जैसे विविध विषयों में बीटेक, एमटेक तथा पीएचडी की डिग्री प्रदान कर रहे हैं तथा 6000 से ज्यादा लोगों को एक सूत्र में बांधने का कार्य भी कर रहे हैं। इसके छह अकादमिक केंद्रों तथा नौ शोध केंद्रों में से दो को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा भी प्राप्त है।”

हाल ही में एनआईटी को एनआईआरएफ 2020 रैंकिंग में 32वां स्थान तथा इंजीनियरिंग कॉलेजो में 16वां स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही विभिन्न वैश्विक एजेंसियों द्वारा जारी किए जाने वाले रैंकिंग जैसे ‘द एशियन यूनिवर्सिटी रैंकिंग’ में 225वां, क्यूएस ब्रिक्स 2019 रैंकिंग में 121वां स्थान प्राप्त किया।

एनआईटी राउरकेला के ‘टीआईईआर ’केंद्र’ ( तकनीक , नवाचार और औद्योगिक संपर्क) की प्रशंसा करते हुए डॉ़ निशंक ने कहा कि जैसे तीर का अर्थ है – पानी का किनारा उसी प्रकार एनआईटी भी ज्ञान, उद्योग और समाज का वह समुद्र है जो अपने ‘तीर’ के सहारे अपने किनारे (अर्थात ज्ञान के व्यावहारिक उपयोग) को पाने के लिए प्रयासरत है।

उन्होनें कहा कि एनआईटी ने अपने तीर का इतना बेहतरीन ढंग से निर्माण किया है कि इसमें बड़े औद्योगिक घराने तथा छोटे स्टार्टअप्स दोनों को अपने उद्देश्यों, अपने अनुसंधान तथा विकास संबंधी जरूरतों, अपने उत्पादों से जुड़ी जानकारियों जैसी तमाम सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं। उद्योग अपने प्रोडक्ट को मार्केट में उतारने से पहले यहां पर एक व्यापक परीक्षण कर लेते हैं और इस काम में एनआईटी के अनुसंधानकर्ता और यहां के छात्र, यहां के अध्यापक भी भरपूर सहयोग देते हैं। इन कामों के लिए टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेल तथा इंडस्ट्री रिलेशंस सेल दोनों की भूमिका प्रशंसनीय है।

उन्होनें कोरोना संकट काल में एनआईटी राउरकेला द्वारा किये गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण दौर में एनआईटी राउरकेला डिजिटल क्लासरूम का तो निर्माण किया ही साथ में कैंपस में लगातार कोविड टेस्टिंग तथा सैनिटाइजेशन प्रक्रिया को भी जारी रखा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सबका साथ, सबका विश्वास की सोच के साथ नई शिक्षा नीति’ के क्रियान्वयन तथा शिक्षा को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में पूरी ‘टीम इंडिया’ मिलकर काम करना हैं।

उन्होनें कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि ‘नई शिक्षा नीति’ तथा ‘एनआईटी राउरकेला जैसे संस्थान’ मिलकर ‘राष्ट्र निर्माण’ तथा ‘भारत को ज्ञान की महाशक्ति’ बनाने की दिशा में अपना शत-प्रतिशत योगदान देंगे।

स्वर्ण जयंती भवन में ही केंद्रीय पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, उत्कृष्टता केंद्र, सीनेट हॉल सहित संस्थान के सभी प्रशासनिक कार्यालय एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त की जा सकेंगी और इस भवन के ऊपर एक टेलीस्कोप भी स्थापित किया जाएगा ताकि छात्र तथा अन्य संबंधी लोग पृथ्वी एवं वायुमंडलीय विज्ञान तथा जलवायु संबंधी पर्यवेक्षण कर पाएंगे। इस भवन के निर्माण के लिए शिक्षा मंत्रालय ने 95 करोड़ की राशि प्रदान की थी।