समुद्री सुरक्षा तथा आतंकवाद से निपटने के लिए परस्पर सहयोग बढायेंगे भारत और श्रीलंका

Newspoint24.com/newsdesk/ नयी दिल्ली । भारत और श्रीलंका ने समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और क्षेत्रीय मादक पदार्थ तस्करी से निपटने तथा सुरक्षाकर्मियों के प्रशिक्षण में परस्पर सहयोग बढाने पर सहमति व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे ने आज वचुर्अल द्विपक्षीय शिक्षर सम्मेलन में द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर
 

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नयी दिल्ली । भारत और श्रीलंका ने समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद और क्षेत्रीय मादक पदार्थ तस्करी से निपटने तथा सुरक्षाकर्मियों के प्रशिक्षण में परस्पर सहयोग बढाने पर सहमति व्यक्त की है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे ने आज वचुर्अल द्विपक्षीय शिक्षर सम्मेलन में द्विपक्षीय तथा क्षेत्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के साथ साथ कोविड 19 की चुनौती से संबंधित चुनौती के आर्थिक आयामों पर चर्चा की।

श्री मोदी ने श्रीलंका की नयी सरकार से तमिलों की समानता, न्याय, शांति और सम्मान से जीने की आकांक्षाओं को संवैधानिक प्रावधानों के तहत पूरा करने की दिशा में काम करने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि श्रीलंका के संविधान में 13 वें संशोधन का क्रियान्वयन शांति और सुलह की प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए महत्वपूर्ण है। श्री राजपक्षे ने कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को जो बहुमत मिला है उससे मिले अवसर का फायदा उठाकर वह भारत और श्रीलंका के संबंधों को नयी ऊंचाई पर ले जायेंगे।

दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश तथा आर्थिक गतिविधियों से संबंधित उद्यमों के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए गहरे तालमेल की जरूरत पर बल दिया। श्री मोदी ने उम्मीद जतायी कि श्रीलंका द्वारा कुछ उत्पादों के आयात पर लगायी गयी अस्थायी पाबंदी में जल्द ही ढील दी जायेगी।

वचुर्अल शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल , विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इससे पहले श्री मोदी ने श्री राजपक्षे का शिखर सम्मेलन में स्वागत करते हुए कहा , “ मैं इस वर्चुअल समिट में आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ। हमेशा की तरह, आपकी पहली आधिकारित यात्रा पर भारत में आपका स्वागत करके हमें बहुत खुशी होती। वह निमंत्रण हमेशा आपके लिए रहेगा। वर्तमान स्थिति को देखते हुए मुझे खुशी है कि हम यह वर्चुअल समिट कर रहे हैं। इस समिट के लिए आपने मेरा निमंत्रण स्वीकार किया, इसके लिए मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूं।
मैं आपको प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने के लिए बधाई देता हूँ। संसदीय चुनावों में एसएलपीपी की भारी जीत के लिए भी आपको फिर से बधाई देता हूँ। यह ऐतिहासिक जीत जनता का आपके नेतृत्व में विश्वास दिखाती है।”

उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बहुमुखी संबंध हजारों साल पुराने हैं। उनकी सरकार की ‘पडोसी पहले’ की नीति और ‘सागर सिद्धांत’ के तहत श्रीलंका से संबंधों को हम विशेष और उच्च प्राथमिकता देते हैं। भारत और श्रीलंका बिम्सटेक, आईओआरए , सार्क मंचों पर भी घनिष्ठ सहयोग करते हैं। आपकी पार्टी के सत्ता में आने से भारत और श्रीलंका संबंधों में एक नए ऐतिहासिक अध्याय को जोड़ने का बहुत अच्छा अवसर बना है। दोनों देशों के लोग नई आशा और उत्साह के साथ हमारी ओर देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा , “ मुझे पूरा विश्वास है कि आपको प्राप्त मजबूत जनादेश और आपकी नीतियों को संसद से मिल रहे मजबूत समर्थन से हमें द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों में प्रगति करने में मदद मिलेगी।”