केंद्रीय कर बोर्ड के विलय की खबर का सरकार ने किया खंडन

Newspoint24.com/newsdesk/ वार्ता / नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के विलय की संभावना के संबंध में मीडिया में आयी रिपोर्टों का केंद्र सरकार ने खंडन करते हुए सोमवार को कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। मीडिया में इस बाबत यह रिपोर्ट आयी
 

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नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के विलय की संभावना के संबंध में मीडिया में आयी रिपोर्टों का केंद्र सरकार ने खंडन करते हुए सोमवार को कहा कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। मीडिया में इस बाबत यह रिपोर्ट आयी थी कि केंद्र सरकार खर्च कम करने की कवायद के तहत दोनों कर विभाग के विलय पर विचार कर रही है।

वित्त मंत्रालय ने आज इस खबर का खंडन करते हुए कहा कि एक दैनिक अखबार में इस संबंध में आयी खबर तथ्यात्मक रुप से गलत है। सरकार के पास केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम,1963 के तहत निर्मित इन दोनों बोर्ड के विलय के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है। यह खबर ऐसे समय में प्रकाशित की गयी है। जब करदाताओं के अनुकूल कई सुधारवादी बदलाव लागू किये गये हैं। यह खबर वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों द्वारा बिना पुष्टि किये प्रकाशित की गयी है।

खबर में कहा गया है कि कर प्रशासन सुधार आयोग के सिफारिशों में विलय का सुझाव भी शामिल है। आयोग की रिपोर्ट की सरकार ने विस्तृत रुप से जांच की और इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया था। संसद में इस संबंध में पूछे गये सवाल पर सरकार ने वर्ष 2018 में समिति के समक्ष यह तथ्य पेश किया था। आयोग की जिन सिफारिशों को लागू किया गया, उसे राजस्व विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। इसमें स्पष्ट दिखता है कि आयोग की यह सिफारिश लागू नहीं की गयी है।
मंत्रालय ने मीडिया रिपोर्ट को भ्रामक कहते हुए कहा है कि अगर इस तरह अपुष्ट खबरें शीर्ष पृष्ठ पर जगह पाती हैं तो यह खबर पढ़ने वाले सभी लोगों के लिए चिंता का विषय है। यह खबर पूरी तरह आधारहीन और अपुष्ट है।