पीएम मोदी का ऐलान तीन कृषि कानूनों रद्द किया जाएगा , किसानों से आंदोलन छोड़ कर घर वापस जाने की अपील की

 

यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं आज यह पूरे देश को

यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का

फैसला किया है। इसी महीने हम कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे।

Newspoint24/ एजेंसी इनपुट के साथ 

 
नयी दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा शून्य बजट खेती पर सिफारिश के लिए बहुपक्षीय समिति बनाने का भी ऐलान किया।

  मोदी ने देव दीपावली और गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए आज यहां कहा कि वह नेक नीयत से किसानों की भलाई के लिए ये तीनों कृषि कानून लाए थे। इसके लिए लंबे समय से मांग हो रही थी। उन्होंने कहा कि कुछ किसान, भले ही उनकी संख्या कम हो, उन्होंने इसका विरोध किया। संभवतः यह हमारी तपस्या की कमी थी कि हम उन्हें इन तीनों कानूनों के बारे में समझा नहीं सके। यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। मैं आज यह पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इसी महीने हम कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे।

  मोदी ने कहा कि इन तीनों कानूनों को रद्द करने की प्रक्रिया संसद के इसी सत्र में की जाएगी। संसद का सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। उन्होंने किसानों से आंदोलन छोड़ कर अपने-अपने घर वापस जाने की अपील की। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी पर चुनाव के लिए समिति में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के अलावा राज्य सरकारों, किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञ तथा कृषि अर्थशास्त्री रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैं किसानों और ग्रामीण लोगों के लिए पहले से अधिक मेहनत के साथ काम करता रहूंगा।

‘गुरुनानक देव जी ने कहा है कि संसार में सेवा का मार्ग अपनाने से ही जीवन सफल होता है। हमारी सरकार इसी सेवा भावना के साथ देशवासियों का जीवन आसान बनाने में जुटी है। न जाने कितनी पीढ़ियां जिन सपनों को सच होते देखना चाहती थीं, भारत उन्हें साकार करने की कोशिश कर रहा है।’

गौरतलब है कि कृषि मंडी व्यवस्था में सुधार, अनुबंध की खेती में किसानों के हितों की रक्षा के उपाय पर केंद्रीय तीनों कृषि कानूनों को लेकर कई किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर मोर्चाबंदी किये हैं और उनके आंदोलन का करीब एक साल होने वाला है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बोले टिकैत बोले- संसद में कानून वापसी का इंतजार करेंगे
सिंघु और टीकरी समेत दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 14 महीने से आंदोलन कर रहे थे। अब सरकार के फैसले के बाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम तुरंत आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बल्कि इन्हें संसद में वापस लेने का इंतजार करेंगे।

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