वाराणसी : बीएचयू अस्पताल में हत्यारे मुनीर की मौत:6 साल पहले एनआईए के डिप्टी एसपी और उनकी पत्नी का मर्डर किया था 

 

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ
 
वाराणसी। एनआईए के डिप्टी एसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की हत्या में दोषी कुख्यात अपराधी मुनीर अहमद की आज बीमारी की वजह से मौत हो गई। वह वाराणसी स्थित BHU के सर सुंदरलाल हॉस्पिटल में भर्ती था। बिजनौर जिले के सहसपुर निवासी मुनीर को सोनभद्र के जिला अस्पताल से 19 नवंबर को लाकर यहां भर्ती कराया गया था।

डॉक्टरों के अनुसार, कैदी मुनीर को यूरिन इंफेक्शन और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या के कारण सोनभद्र से BHU अस्पताल लाया गया था। उसका इम्यून सिस्टम पूरी तरह डैमेज होने के कारण उसकी मौत हुई है। वीडियो कैमरे के सामने डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम करा कर उसके परिजनों को उसका शव सौंपा जाएगा। मुनीर के खिलाफ UP, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में 33 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह एक अंतरराज्यीय अपराधी था।


2 अप्रैल 2016 को की गई थी हत्या
बिजनौर के सहसपुर में 2 अप्रैल 2016 को NIA के डिप्टी एसपी तंजील अहमद और उनकी पत्नी फरजाना की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी। वारदात के दौरान तंजील अहमद और उनकी पत्नी अपनी भांजी की शादी से वापस घर लौट रहे थे। NIA के डिप्टी एसपी की हत्या के बाद राज्य और केंद्र सरकार में हड़कंप मच गया था।


इस हत्या को पहले आतंकवादियों से जोड़ कर देखा जा रहा था। जब खुलासा हुआ तो पता लगा कि NIA के डिप्टी एसपी के पड़ोस में रहने वाले मुनीर और रिहान सहित अन्य लोगों ने वारदात को अंजाम दिया था।


6 माह पहले सुनाई गई थी फांसी की सजा
बिजनौर के बिजनौर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. विजय कुमार की कोर्ट ने NIA के डिप्टी एसपी और उनकी पत्नी की हत्या में 21 मई 2022 को मुनीर और रिहान को फांसी की सजा सुनाई थी। दोनों पर कोर्ट ने एक-एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। दोषियों के तीन अन्य साथी तंजीम, जैनी और रिजवान को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।

 

बिजनौर की जिला एवं सत्र अदालत के सरकारी वकील के अनुसार, 6 साल तक कोर्ट में चले इस मामले में 19 लोगों की गवाही हुई और 159 तारीखों के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद से मुनीर सोनभद्र की जिला जेल में सजा काट रहा था।

 

बीती 17 नवंबर की रात मुनीर की तबीयत खराब होने पर उसे सोनभद्र के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत में सुधार न होने पर उसे पुलिस की निगरानी में BHU हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया था।

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